समापन की ओर वर्ष 2024 की चारधाम यात्रा
देहरादून। रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने में अब बस दो दिन बचे हैं। बाबा केदार के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बुधवार 29 अक्टूबर को केदारनाथ धाम के रक्षक भकुंट भैरवनाथ के कपाट बंद हो चुके हैं। इसके अगले दिन यानी बुधवार 30 अक्टूबर को पंच पंडा समिति की ओर से मंदिर के गर्भगृह में लगे सोने के छत्र को उतारकर भंडार गृह में रखा गया है।
3 नवंबर को बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाटरू इस साल चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई थी। गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के साथ ही उसी दिन केदारनाथ धाम के कपाट भी खुले थे। 12 ज्योतिर्लिंगों में एक बाबा केदारनाथ धाम में हर साल सबसे ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। हालांकि इस बार जुलाई महीने में भारी बारिश और लैंडस्लाइड ने यात्रा पर ब्रेक लगा दिया था। इसके बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन करने पहुंचे। साल 2023 में 19 लाख 61 हजार से ज्यादा भक्तों ने केदारनाथ के दर्शन किए थे। साल 2023 में केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल को खुले थे। 15 नवंबर 2023 को यात्रा संपन्न हुई थी। यानी पिछले साल यात्राकाल इस साल की अपेक्षा ज्यादा था।
केदारनाथ धाम के कपाट दीपावली के बाद भैया दूज पर 3 नवंबर को बंद होंगे। कपाट बंद होने का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर है। इसके साथ ही बाबा केदार के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। कपाट बंद होने की रश्म के लिए केदारनाथ धाम को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने के अगले दिन यानी 4 नवंबर को तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट भी बंद हो जाएंगे। इसके साथ ही 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। 20 नवंबर को द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम के कपाट शनिवार 2 नवंबर को बंद हो रहे हैं। यमुनोत्री धाम के कपाट 3 नवंबर को केदारनाथ धाम के कपाट के साथ बंद होंगे।