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वर्ष 2026 से उत्तराखण्ड की पर्वतीय क्षेत्रों में दौड़ेगी ट्रेनः अजीत सिंह यादव

ऋषिकेश। ऋषिकेश से चमोली के कर्णप्रयाग तक दो साल के भीतर ट्रेन पहाड़ पर सरपट दौड़ने लगेगी। ऋषिकेश- कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर नई ब्राड गेज (बीजी) रेलवे लाइन का कार्य तेज गति से किया जा रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2026 तक काम पूरा हो जाएगा।
ऋषिकेश के हरिद्वार बायपास मार्ग पर स्थित आरवीएनएल के कार्यालय में परियोजना प्रबंधक अजीत से सिंह यादव ने एक प्रेसवार्ता की। जिसमें उन्होंने बताया कि ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर नई ब्रॉड गेज (बीजी) रेलवे लाइन उत्तराखंड राज्य में एक महत्वपूर्ण विकास परियोजना है और देश के पीएम नरेंद्र मोदी ड्रीम प्रोजेक्ट भी है। ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच रेल लिंक प्रदान करने का उद्देश्य उत्तराखंड राज्य में स्थित तीर्थस्थलों तक आसान पहुंच की सुविधा प्रदान करना और पिछड़े क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ नए व्यापार केंद्रों को जोड़ना और क्षेत्र में रहने वाली आबादी की सेवा करना है। उम्मीद है कि इस तरह के लिंक से यात्रा के समय और लागत में काफी कमी आएगी। यह रेल लिंक क्षेत्र में औ‌द्योगिक विकास, कुटीर उ‌द्योग के अवसर खोलेगा। राज्य में अर्थव्यवस्था और पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा देगा। प्रस्तावित रेलवे लाइन देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली 55 जिलों के माध्यम से देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे महत्वपूर्ण शहरों जोड़ेगी।
इस परियोजना की जिम्मेदारी वर्ष 2011 में रेल विकास निगम लिमिटेड को दी थी। जिसके तहत अनुमानित लागत 4295.3 करोड़ रुपए की मंजूरी के साथ दी थी, लेकिन नवंबर 2016 में रेलवे बोर्ड ने 1621 6. 31 करोड रुपए का विस्तृत अनुमान स्वीकृत किया गया। बताया कि वीरभद्र स्टेशन और योग नगरी ऋषिकेश के बीच 5.7 किलोमीटर लंबाई का पहला ब्लॉक क्षेत्र चालू कर दिया गया है। जिसमें वीरभद्र स्टेशन पर सुविधाओं का उन्नयन और ऋषिकेश में विश्व स्तरीय ग्रीन रेलवे स्टेशन का निर्माण भी शामिल है। जिसे मार्च 2020 में चालू कर दिया गया।

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