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आईएमए से पास आउट अधिकारियों ने अपने बैंच की मनाई सिल्वर जुबली

देहरादून। 11 दिसंबर 1999, का दिन 557 युवाओं के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन था, जो उस दिन सुबह 105 नियमित और 88 तकनीकी कोर्स की पासिंग आउट परेड के लिए चेटवुड बिल्डिंग के पीछे एकत्र हुए थे। एकजुटता से परेड करते हुए, 40 मिनट बाद, मित्र देशों के 18 कैडेटों सहित कुल 557 जेंटलमैन कैडेटों ने ‘अंतिम पग’ को पार किया, और प्रशिक्षण समाप्त करके वे सेना के लेफ्टिनेंट बन गए, जो भारत के संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान करने के लिए तैयार थे। तब से 25 साल बाद, कोर्स के अधिकारियों ने सशस्त्र बलों में बहादुरी, वीरता, बलिदान और व्यावसायिकता की अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने देश के सभी हिस्सों के साथ-साथ विदेशों में भी अनेक महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
कोर्स के बहुत से अधिकारीओं को कई वीरता पुरस्कारों से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ है। जिसमें कई विशिष्ट सेवा पुरस्कारों के अलावा अशोक चक्र, शौर्य चक्र, कीर्ति चक्र और सेना मेडेल शामिल हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव, पीआरओ डिफेंस देहरादून, जिन्होंने इसी कोर्स के साथ कमीशन प्राप्त किया, ने बताया कि “इसी कोर्स के 32 अधिकारियों ने विभिन्न ऑपरेशनों मे देश के दुश्मनों से लड़ते हुए राष्ट्र की सेवा में अपने जीवन का बलिदान दिया है। इनमें प्रमुख नाम मेजर मोहित शर्मा, अशोक चक्र, सेना मेडल, मेजर दिनेश रघु रमन, अशोक चक्र, कैप्टन डीके झा, कीर्ति चक्र, लेफ्टिनेंट हरि सिंह बिष्ट, शौर्य चक्र, कैप्टन उमंग भारद्वाज, शौर्य चक्र, कैप्टन एनएस सिद्धू, शौर्य चक्र और मेजर सम्राट मैती, शौर्य चक्र हैं।”
कोर्स के अधिकारियों को पासिंग आउट से ठीक पहले दिसंबर 1999 में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ द्वारा भारतीय सैन्य अकादमी युद्ध स्मारक के उद्घाटन का हिस्सा बनने का विशिष्ट सम्मान भी प्राप्त है और इस वर्ष इस युद्ध स्मारक के उद्घाटन के 25 वर्ष भी पूरे हो गए हैं। इस कोर्स के कई ऐसे अधिकारी भी हैं जो उद्यमी बन गए हैं, जबकि कुछ अन्य कॉर्पाेरेट जगत में शामिल हो गए हैं और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, और वे अभी भी राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
105 रेगुलर और 88 तकनीकी कोर्स ने 21 दिसंबर 2024 को आईएमए, देहरादून में अपनी कमीशनिंग की रजत जयंती मनाई, जिसमें कोर्स के 340 से अधिक अधिकारी अपने परिवारों और दिवंगत अधिकारियों के रिश्तेदारों के साथ इस यादगार कार्यक्रम में शामिल हुए और उस संस्थान के प्रति आभार प्रकट किया जिसने उन्हें सेना में अधिकारी बनने के काबिल बनाया। समारोह की शुरुआत आईएमए युद्ध स्मारक पर शहीद साथियों को सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई, इसके बाद चेटवुड बिल्डिंग के सामने एक ग्रुप फ़ोटोग्राफ़ ली गई और चेटवुड बिल्डिंग और उनकी संबंधित कंपनियों का दौरा किया जहां उन्होंने प्रशिक्षण लिया था और 25 साल पहले एक साथ मेहनत की थी। देश के कोने-कोने से आए अधिकारियों ने आईएमए में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षकों और श्उस्तादोंश् के साथ बिताए गए दिनों को याद किया, जिन्होंने उनमें नेतृत्व के बेहतरीन गुण विकसित किए थे। कोर्स में शहीदों के निकट संबंधियों की भागीदारी ने इस भावना को उजागर किया कि कोर्स एक बड़े परिवार की तरह एकजुट है।
इस आयोजन की तैयारी के तहत, 11 दिसंबर 2024 को, देश भर के विभिन्न स्टेशनों पर तैनात अधिकारियों ने 20 अलग-अलग स्टेशनों पर शहीदों के परिजनों के साथ ष्पुष्पांजलि समारोहष् आयोजित किया। मुख्य पुष्पांजलि समारोह नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर आयोजित किया गया। इसके अलावा, कोर्स के सदस्यों ने विभिन्न गतिविधियों का एक विशेष कार्यक्रम किया जिसमें 10,000 किमी का अखिल भारतीय मोटर साइकिल अभियान, लेह स्थित माउंट कांगयत्से 2 और कांगयत्से 1 पर सफल पर्वतारोहण अभियान और सामूहिक रूप से 1,25,000 किमी तक पैदल, दौड़ और साइकलिंग आदि गतिविधियों द्वारा समाज को ष्फिट्नस के महत्वष् का संदेश देने का प्रयास किया। रजत जयंती कार्यक्रम का समापन परिजनों के सम्मान के साथ हुआ और आईएमए दून की शिक्षाओं के अनुरूप हर क्षेत्र में, किसी भी परिस्थिति में अपनी अंतिम सांस तक देश की सेवा करने के दृढ़ संकल्प को दोहराया गया।
भारतीय सैन्य अकादमी ने 105 नियमित और 88 तकनीकी कोर्स के अधिकारियों की सेवाओं और उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया और उनके रजत जयंती पुनर्मिलन के लिए अकादमी में आने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

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