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भू-कानून संशोधन में हरिद्वार और उद्यतसिंह नगर को छोड़ 11 जिलों में कृषिभूमि खरीद पर रोक

देहरादून। लंबे समय से राज्य में उठ रही सख्त भू- कानून की मांग पर बुधवार को एक कदम आगे बढ़ते हुए सरकार ने नए भू-संशोधन कानून को मंजूरी दे दी है। खास बात यह है कि कैबिनेट द्वारा बुधवार को जिस भू-कानून संशोधन को मंजूरी दी गई है उस संशोधन विधेयक को सरकार इसी बजट सत्र में लाने जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज विधानसभा में कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें नए भू-कानून संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। अपेक्षा के अनुरूप तय किए गए नये भू कानून संशोधन के जरिए अब हिमाचल की तर्ज पर बाहरी लोगों के द्वारा जमीन की खरीद पर सख्ती से प्रतिबंध लग सकेगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद विपक्ष की लिस्ट से भू-कानून का एक मुद्दा अब कम हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस नए भू-कानून को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद कहा गया है कि उनकी सरकार राज्य और राज्य के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर लगातार काम कर रही है। नए भू कानून से राज्य के नागरिकों के हितों का संरक्षण तो होगा ही साथ-साथ राज्य को डेमोग्राफी चेंज के खतरो से भी बचाया जा सकेगा।
उधर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि इससे राज्य में जमीनों की लूट-खसोट रोकी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी जनहित में लगातार अच्छे फैसले ले रहे हैं। हम जो कहते हैं वह करते हैं। मुख्यमंत्री धामी ने जो कहा था वह कर दिया है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि इस भू कानून संशोधन विधेयक को इसी सत्र में लाया जाएगा। इसमें क्या-क्या नए प्रावधान किए गए इसकी पूरी जानकारी तो इसे सदन में विधेयक आने पर ही पता चलेगी लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर राज्य के अन्य सभी 11 पर्वतीय जिलों में कृषि व बागवानी की जमीनों की खरीद पर पूर्ण पाबंदी का प्रावधान किया गया है। कोई भी बाहरी व्यक्ति इन जिलों में अब जमीन नहीं खरीद सकेगा। वही जो ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन नगर क्षेत्र में खरीदने का प्रावधान था उसे भी वन टाइम कर दिया गया है सिर्फ एक ही बार एक व्यक्ति ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन रहने के लिए खरीद सकेगा। हॉर्टिकल्चर और अन्य उद्देश्य के लिए खरीदी जाने वाली जमीनों के लिए अब सरकारी परमिशन लेना अनिवार्य होगा।
इस नये भू-कानून के आने के बाद अब जमीनों की खरीद फरोख्त का काम आसान नहीं होगा। खास तौर पर अब उत्तराखंड में भी हिमाचल की तरह बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीदना आसान नहीं होगा।

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