गढ़- कुमों संस्कृति

दुनियाभर में छाई रुद्रप्रयाग के युवाओं की शॉर्ट फ़िल्म, जल्द होगा वर्ड प्रीमियर

अक्सर फिल्में और समाज एक दूसरे को आइना दिखाते हैं। फिल्मों का प्रभाव समाज पर भी होता है तो समाज का फिल्मों पर भी।फिल्में हमारे समाज की बात को बेहद प्रभावी और कलात्मक ढंग से प्रस्तुत भी करती हैं।जब फिल्में समाज के बीच एक विमर्श और संदेश को देने में सफल होती हैं तो ये कला से ज्यादा ‘भाषा’ का काम करती हैं।आज के दौर में कई प्रकार की फिल्में हमारे बीच आ रही हैं। जिनमें ‘short film’ के प्रकार ने बहुत तेजी से अपनी एक बड़ी जगह बनाई है।तकनीक के प्रभाव और तेज गति से बढ़ते जीवन के बीच यह श्रेणी और भी लोकप्रिय हुई है।हालांकि short film बनाने की चुनौती अलग किस्म की है।जिसमें कम समय में कहानी और कथ्य से दर्शक को कनेक्ट करना आसान भी नहीं है।

लेकिन यदि किसी कहानी की आत्मा को सही से समझा जाए और निर्देशक उसको बेहद सलीके और खूबसूरती के साथ पर्दे पर उतार ले तो कोई भी फ़िल्म भाषा और देश की सीमाओं को लांघने में सफल हो सकती है।
स्टूडियो UK13 की टीम द्वारा हमारी जनजातीय ‘भोटिया भाषा की लोक कथा’ में बनाई गई शार्ट फ़िल्म ‘पताल ती’ (Holy Water) का चयन ‘Short Film का मक्का’ कहे जाने वाले 39वें Busan International Short Film Festival (Korea) में दुनियां के 111 देशों से आई 2548 फिल्मों में से world premier के लिए चुने जाने वाली 40 फिल्मों में से 14वें स्थान पर चुना जाना हम सबको गौरवान्वित करता है। जिसके लिए स्टूडियो UK13 की टीम के प्रमुख सूत्रधार संतोष सिंह रावत की लगभग डेढ़ दशक के सब्र और जुनून को सलाम।बहुत सारे उतार-चढ़ाव और असफलताओं के बाद भी जितनी शिद्दत और एकाग्रता से संतोष और उसके साथी मुकुन्द नारायण ने इस काम अंजाम दिया वाकई में यह उनकी फिल्मों के प्रति दीवानगी को ही प्रदर्शित करता है।इस सब में एक खास बात यह भी रही कि संतोष ने ठेठ पहाड़ के घर-गांवों से उन युवाओं को एक टीम के रूप में जोड़ा जिनमें कुछ कर गुजरने का सपना भी था और जज़्बा भी लेकिन फिल्मी दुनियां से दूर-दूर तक कहीं कोई वास्ता न था। लेकिन एक टीम के रूप में नई पीढ़ी के इन युवाओं ने हमेशा अपना सर्वोत्तम देने की कोशिश की।इसका ही परिणाम है कि उनकी मेहनत रंग लाई और लगभग एक खामोश निःशब्द सी फ़िल्म ने अंतर्राष्ट्रीय फलक पर अपनी एक अलग पहचान बनाई।

फ़िल्म की कथा पहाड़ के ‘जीवन दर्शन’ को दर्शाती हुई अपने अंतिम समय पर दादा द्वारा पोते से कुछ ख्वाहिश रखना और पोते द्वारा उसे पूरा करने की कोशिश और प्रकृति के साथ सहजीवन और संघर्ष इसे और भी मानवीय और संवेदनशील बना देता है।यही वह खास बात है कि जो भाषा और देश की सीमाओं को तोड़कर हमारी संवेदनाओं को झकझोरती है।पूरी फिल्म में कैमरे का कमाल,प्राकृतिक रोशनी, Landscape और कलाकारों की बिना संवाद के अदाकारी इसे अद्भुत बना देती है।
फिल्में सिर्फ मनोरंजन भर के लिए नहीं होती बल्कि वो हमारी कला और संस्कृति को पोषित भी करती हैं और वाहक भी बनती हैं यह इस फिल्म से साफ झलकता है।उत्तराखण्ड जैसे प्राकृतिक सौंदर्य और लोककथाओं से भरपूर राज्य में अगर सही से एक फ़िल्म नीति और माहौल बनाया जाए तो रोजगार के लिए भी यह क्षेत्र सहायक सिद्ध हो सकता है।क्योंकि न तो हमारे युवाओं में प्रतिभा की कमी है और न ही जुनून की अगर कुछ रह जाता है तो वह है सही मार्गदर्शन,नीतियां और प्रोत्साहन की कमी।यदि इस दिशा में सरकारें कुछ नया सोचें तो फ़िल्म निर्माण का एक हब बन सकता है उत्तराखण्ड।फिलहाल स्टूडियो UK13 की पूरी टीम को इस शानदार उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई।

STUDIO UK13 PRESENT
पताल ती (Holy Water)
FAGUNU – AYUSH RAWAT
GRAND FATHER – DHAN SINGH RANA
GRAND MOTHER – KAMLA KUNWAR
HIMALAYAN MYTH – BHAGAT SINGH BURFAL (BABA BARFANI)
NEIGHBOUR’S VOICE – DAMYANTI DEVI
FIRST ASSISTANT DIRECTOR – AAYUSH BASHISTH
SECOND ASSISTANT DIRECTOR – AKSHAT RAWAT
SECOND UNIT CAMERAMAN – DIVYANSHU RAUTELA
FOCUS PULLER – ARJUN RAWAT
LOCATION SOUND RECORDIST – ARJUN RAWAT
CASTING DIRECTOR – VIJAY BASHISTH, SANTOSH SINGH
GAFFER – RAMESH SINGH, ARJUN RAWAT
LIGHT AND CAMERA EQUIPMENT ARRANGED BY – ARJUN RAWAT

LOCATION SCOUT – SANTOSH SINGH, RAJAT BARTWAL, RAMESH SINGH, BHAGAT SINGH BURFAL ,
LUGGAGES PROVIDER FROM GAMSHALI
. MADHO SINGH RAWAT
. BAL SINGH CHAUHAN
. BACHAN SINGH RAWAT
. MADHO SINGH RAWAT
. DAMYANTI DEVI
. KAMLA KUNWAR
. KEDAR SINGH FONIYA
. KALAM SINGH LUGGAGES PROVIDER FROM MALARI . BAL SINGH RANA . KAMLA DEVI . BHAGAT SINGH RANA

LUGGAGES PROVIDER FROM QURI (DASHJYULA KANDAI RAJENDRA SINGH RAWAT
. KAMLA DEVI
. SANJAY RAWAT
. LATE NALLI PRASAD KANDPAL
HOME STAY – SAMAUN HOME STAY AGASTYMUNI (RUDRAPRAYAG)
– KALYAN SINGH (MALARI)
– DAMYANTI (GAMSHALI)
LODGING – GAMSHLI GUEST HOUSE
– RUDRANATH DHARAMSHALA
– SAMAUN HOME STAY & SILLI
FOOD & UTENSILS PROVIDE BY – SAMAUN RESTAURENT AGASTYAMUNI(RUDRAPRAYAG)
CAMPING MATERIAL – PRAKRITI ORGANIZATION AGASTYMUNI (RUDRAPRAYAG)
LOCATION –
. MALARI VILLAGE
. KOSA VILLAGE
. GAMSHALI VILLAGE (RUM KHUDA TOP, SHIVALAY, LON TIRON, BARCHHA)
. RUDRANATH (SARASWATI KUND, WAY OF NANDI KUND TREK
FABRIC SUPPLIERS – ANJU KUNWAR, RUMA DEVI, MADHO SINGH RAWAT
COSTUME DESIGENED BY – MUKUND NARAYAN & SANTOSH SINGH
TAILOR – S.K TAILOR GOPESHWAR
PRODUCTION – RAJAT BARTWAL, AKSHAT RAWAT
COOK – NAVEEN KANDPAL
LINE PRODUCER – RAMESH SINGH
EXECUTIVE PROCUDER — GAJENDRA RAUTELA & SATYARTH PRAKASH SHARMA
ASSOCIATE PRODUCER – RAJAT BARTWAL
PRODUCED BY – MUKUND NARAYAN & SANTOSH SINGH
CINEMATOGRAPHY BY – BITTU RAWAT
SCREENPLAY BY -SANTOSH SINGH & MUKUND NARAYAN
DIRECTED BY – SANTOSH SINGH & MUKUND NARAYAN
SPECIAL THANKS
UTTARAKHAND GOVERMENT
K.S. CHAUHAN, DEPUTY DIRECTOR/NODEL OFFICER UTTARAKHAND FILM DEVLOPMENT COUNCIL.
UTTARAKHAND FOREST DEPARTMENT (GOPESWAR & JOSHIMATH)
KEDARNATH SANCTUARY AREA & NANDA DEVI SANCTUARY AREA (FOREST DEPARTMENT)
GAJENDRA RAUTELA , PRAKRITI ORGANIZATION AGASTYMUNI (RUDRAPRAYAG)
VIJAY BASHISTH, AKSHAT NATYA SANSTHA (GOPESHWER)
MALARI GRAMSHABHA, GAMSHALI GRAMSHABHA, KOSA GRAMSHABHA AND ALL VILLAGE PEOPLE FROM NITI GHATI.
AAYUSH NEGI ( KYURI, DASHJYULA ), AMIT SINGH( CHOPTA JAKHANI )
HARISH BHATT ( RUDRANATH TEMPLES PRIEST )
STUDIO UNDERGROUND, DEHRADUN

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