अन्य खबरेंगढ़वाल मंडल

उत्तराखंड सरकार शुरू करने जा रही कॉर्बेट अवॉर्ड: वन मंत्री

रामनगर। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की स्थापना को 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन रामनगर नगरपालिका ऑडिटोरियम में हुआ। जिसमें उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल मुख्य अतिथि रहे। इस मौके पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा उत्तराखंड सरकार कॉर्बेट अवॉर्ड शुरू करने जा रही है। उन्होंने बताया ये अवॉर्ड वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में विशेष काम करने वालों को दिया जाएगा।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क स्थापना के मौके पर हुये कार्यक्रम में वन विभाग के उच्चाधिकारी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अफसर, स्थानीय जनप्रतिनिधि, वन्यजीव प्रेमी, पर्यावरण कार्यकर्ता और स्कूली बच्चों ने भी बड़ी संख्या में शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत जिम कॉर्बेट के जीवन और उनके योगदान पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री फिल्म से हुई। इस फिल्म के माध्यम से बताया गया कि कैसे जिम कॉर्बेट ने एक शिकारी से वन्यजीव संरक्षक की भूमिका निभाई। उन्होंने कैसे भारत में बाघ संरक्षण की नींव रखी। डॉक्युमेंट्री के बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में भारतीय डाक विभाग ने जिम कॉर्बेट की 150वीं जयंती पर आधारित विशेष स्मारक लिफाफा (कमेमोरेटिव कवर) जारी किया। जिसका विमोचन वन मंत्री सुबोध उनियाल ने किया। अपने संबोधन में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा जिम कॉर्बेट केवल एक शिकारी नहीं बल्कि वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने शिकार छोड़कर जंगल और बाघ संरक्षण की राह पकड़ी। उनका जीवन आज भी हमारे लिए प्रेरणा है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार अब से हर वर्ष पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को जिम कॉर्बेट अवॉर्ड से सम्मानित करेगी। यह पुरस्कार पर्यावरणीय चेतना को बढ़ावा देने और संरक्षण कार्यों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दिया जाएगा।
वन मंत्री ने कहा उत्तराखंड सरकार वन्यजीवों और जंगलों के संरक्षण को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें प्रकृति को सुरक्षित और संरक्षित रखना ही होगा। यही जिम कॉर्बेट की विरासत है। हमें इसे आगे बढ़ाना है। सुबोध उनियाल ने कहा जिम कॉर्बेट की सोच और समर्पण आज भी हमें जंगल और बाघों के संरक्षण की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।कार्यक्रम के समापन पर कॉर्बेट प्रशासन की ओर से वन्यजीव संरक्षण में सक्रिय वनकर्मियों, फॉरेस्ट गार्ड्स और स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों को भी सम्मानित किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button