देवस्थानम, गैरसैंण कमिश्नरी समेत कई फैसलों पर कैबिनेट में हुई चर्चा, अब होगा पुनर्विचार
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के जन विरोधी और अव्यवहारिक फैसलों को पलटने लगे हैं. कुंभ स्नान समेत कोरोना काल मे दर्ज मुकदमे वापस लेने का बाद मुख्यमंत्री जल्द देवस्थानम बोर्ड और हाल ही में बनी गैरसैंण कमिश्नरी पर भी बड़ा फैसला ले सकती है. मुख्यमंत्री ने साफ संकेत दिए कि जनता की भावनाओं के अनुरूप जो निर्णय नहीं होंगे, उन पर सरकार विचार करेगी. इसके अलावा हर आदेश और फैसलों में जनता की मांग, भावना को केंद्रित करने की बात कही है.
इधर इस मामले पर तीरथ सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने इन मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोकतंत्र में सरकार निर्णय लेती है और निर्णय पर प्रतिक्रिया आती है तो उन पर पुनर्विचार करना कोई दिक्कत की बात नहीं है. कई बार सरकार को अपने ही फैसलों पर पुनर्विचार करते हुए उनको वापस लेना पड़ता है. सुबोध उनियाल ने कहा कि बीते 11 तारीख को हुई तीरथ मंत्रिमंडल की पहली कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा भी हुई है अब आने वाले हैं समय में इस पर गहनता से विचार किया जाएगा किया गया
मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न होने के बाद ही कैबिनेट के सदस्यों के साथ मंत्रिमंडल की पहली बैठक की इस बैठक में मंत्रिमंडल ने लॉकडाउन अवधि के दौरान एपिडेमिक एक्ट व आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रदेश भर में दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने का निर्णय लिया था। इसी तरह वर्ष 2016 के बाद बनाए गए विकास प्राधिकरणों को लेकर निर्णय हुआ कि उससे पूर्व की स्थिति रहेगी और प्राधिकरणों का मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार स्थगित रहेगा। इस संबंध में मंत्रिमंडल की एक उपसमिति बनाई गई है जिसके अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत और सदस्य कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व अरविंद पांडेय होंगे। इधर, गत दिवस सीएम ने मीडिया के माध्यम से स्पष्ट किया कि देवस्थानम बोर्ड और गैरसैंण पर यदि जनता की भावनाओं के अनुरूप फैसला नहीं हुआ तो इस पर विचार किया जाएगा। इससे पहले जनप्रतिनिधियों और पंडा-पुरोहितों से बातचीत की जाएगी।