हज़ारों शिक्षकों के तबादलों पर ग्रहण, ये है सबसे बड़ी वजह
प्रदेश में इस साल हजारों शिक्षक पहाड़ से नहीं उतर पाएंगे। पिछले कई साल से तबादलों का इंतजार कर रहे पात्रता सूची के लगभग 15 हजार शिक्षकों में से 15 प्रतिशत शिक्षकों के ही तबादले होंगे। सरकार की ओर से तबादलों के लिए अधिकतम सीमा तय किए जाने से यह स्थिति बनी है। इससे 12 हजार से अधिक शिक्षक तबादलों की जद से बाहर हो गए हैं।

देहरादून: प्रदेश में इस साल हजारों शिक्षक पहाड़ से नहीं उतर पाएंगे। पिछले कई साल से तबादलों का इंतजार कर रहे पात्रता सूची के लगभग 15 हजार शिक्षकों में से 15 प्रतिशत शिक्षकों के ही तबादले होंगे। सरकार की ओर से तबादलों के लिए अधिकतम सीमा तय किए जाने से यह स्थिति बनी है। इससे 12 हजार से अधिक शिक्षक तबादलों की जद से बाहर हो गए हैं।
प्रदेश में कई शिक्षक 15 से 20 साल से दुर्गम और अति दुर्गम स्कूलों में तैनात हैं। जो पिछले कई वर्षों से तबादलों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन 2020-21 एवं 2021-22 में कोविड-19 की वजह से तबादला सत्र को शून्य सत्र घोषित किया गया था। हालांकि, तबादला एक्ट की धारा 27 के तहत कुछ शिक्षकों के तबादले किए गए थे, लेकिन अधिकतर शिक्षक अनिवार्य और अनुरोध के आधार पर तबादलों का इंतजार करते रह गए।
शिक्षा विभाग की ओर से इस बार तबादला एक्ट के तहत मानक में आ रहे सहायक अध्यापक एलटी के 4400, लेक्चरर के 3300 एवं बेसिक के करीब सात हजार शिक्षकों की सूची जारी की गई थी। विभाग की वेबसाइट में तबादलों के लिए पात्र इन शिक्षकों की सूची जारी किए जाने के बाद अब मुख्य सचिव की ओर से मात्र 15 प्रतिशत तबादलों का आदेश जारी किया गया है। जिससे तबादलों की आस लगाए हजारों शिक्षकों को झटका लगा है।