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ब्रेकिंग: उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से हुई भर्तियों को किया गया निरस्त

उत्तराखण्ड विधानसभा में बैकडोर से हुई भर्तियों को किया गया निरस्त

देहरादून: उत्तराखण्ड विधानसभा में जांच समिति की अनुशंसा को स्वीकार करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने वर्ष 2016 तक की 150 तदर्थ नियुक्तियों को, वर्ष 2020 की 06 तदर्थ नियुक्तियों को तथा वर्ष 2021 की 72 तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि चूंकि इन तदर्थ नियुक्तियों को शासन का अनुमोदन प्राप्त है, अतः नियमानुसार इन तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने के लिये शासन का अनुमोदन लेना आवश्यक है। इन नियम विरूद्ध तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने के लिये अनुमोदन हेतु मैं शासन को तत्काल प्रस्ताव भेज दिया गया है। अनुमोदन प्राप्त होते ही नियम विरूद्ध तदर्थ नियुक्तियां तत्काल समाप्त कर दी जाएगी।इसी प्रकार उपनल द्वारा की गयी 22 नियुक्तियों को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त की गई हैं।

विधान सभा सचिवालय द्वारा वर्ष 2021 में 32 विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती के लिये आवेदन पत्र मंगाये गये थे, जिसके लिये इस वर्ष 20 मार्च को लिखित परीक्षा भी आयोजित की गयी थी जिसका परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुआ है। इस परीक्षा के लिये लखनऊ की एक प्राईवेट एजेंसी मैसर्स आर०एम०एस० टेक्नोसोल्यूशनस प्रा० लि० का चयन किया गया। इस एजेंसी के कार्यकलाप विवादों में रहे हैं और इस पर पेपरलीक के गंभीर आरोप भी लगे हैं जिसके चलते कम से कम 5 प्रतियोगिता परीक्षा शासन को रदद करनी पड़ी है और अनेक गिरफतारिया भी विधान सभा सचिवालय में नियमों/प्रावधानों का उल्लघंन करते हुए इस एजेंसी का चयन किया गया है इसमे अनेक वित्तीय अनियमितताए भी पायी गयी हैं। उपलब्ध जानकारी अनुसार इस एजेंसी को बिल प्राप्त होने के 02 दिन के अन्दर बैंक से 59 लाख रूपये का भुगतान भी जारी कर दिया गया जिसमें विधान सभा सचिव की भूमिका भी संदेहास्पद पायी गयी है।इस परिपेक्ष्य में विधान सभा अध्यक्ष के रूप में मैने यह निर्णय लिया है कि इन 32 पदों पर हुई परीक्षा को निरस्त किया जाता है तथा एजेंसी की भूमिका की जाँच की जाएगी तथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

विधान सभा अध्यक्ष ने यह भी निर्णय लिया कि इस पूरे प्रकरण में विधान सभा सचिव की संदिग्ध भूमिका की जांच की जाए। जांच पूरी होने तक मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है, तत्संबंधी आदेश जारी किये जा रहे है।जॉच समिति की रिपोर्ट में दी गयी विभिन्न सिफारिशों सुझावों पर कार्रवाई जारी रहेगी।
इसमें विधान सभा सचिवालय में कर्मचारियों/अधिकारियों की right sizing, e-office, evidhan, पदोन्नति तथा सेवा नियमों में सुधार शामिल हैं।

सीएम ने किया  निर्णय का स्वागत

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में हुई भर्तियों के मामले में उच्च स्तरीय समिति की संस्तुति पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा वर्ष 2016 से 2021 तक हुई तदर्थ भर्तियों को निरस्त करने के निर्णय का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण को त्वरित जांच कर निर्णय लिये जाने पर बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में सदन और सरकार एकजुट है। 

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