कर्नल गीता राणा ने रचा इतिहास, एलएसी पर कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनी
खेल का मैदान हो या अंतरिक्ष में उड़ान भारत की बेटियां आज हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं। यहीं नहीं आज बेटियां भारतीय सेना में शामिल होकर देश की रक्षा भी बखूबी कर रही हैं। ऐसी ही एक बेटी कर्नल गीता राणा ने इतिहास रचा दिया है। इसकी जानकारी भारतीय सेना के अधिकारियों ने दी है।
एलएसी पर फील्ड वर्कशॉप को कमांड करने वाली पहली महिला अधिकारी
सेना के अधिकारियों ने बताया कि कर्नल गीता राणा पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चे पर फील्ड वर्कशॉप को कमांड करने वाली भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। गीता राणा अभी कोर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (EME) में कर्नल हैं। गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय सेना ने महिला अधिकारियों को भी कमांडर की भूमिका में लेने की मंजूरी थी। जिसके बाद कर्नल गीता यह उपलब्धि पाने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। कर्नल गीता चीन सीमा पर तैनात स्वतंत्र फील्ड वर्कशॉप को कमांड करेंगी। कर्नल गीता राणा को यह जिम्मेदारी मिलने के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है।
कर्नल गीता राणा मूलरूप से चमोली जिले के नारायणबगड़ विकासखंड के केवर तल्ला गांव की रहने वाली है। हालांकि उनका मायका पौड़ी जिले पौखाल के डंगू दुगड्डा में हुआ था। उनके पिता कृपाल सिंह राणा सेना की महार रेजीमेंट से ऑनरेरी कैप्टन रैंक से रिटायर हुए हैं। पिता फौज में तैनात थे तो उनका परिवार बाहर ही रहता था।कर्नल गीता का जन्म लुधियाना में हुआ था। वर्तमान में उनके माता—पिता बरेली में निवास करते हैं।
हाल में सेना ने निकाली थी भर्तियां
सेना ने हाल ही में महिला सैन्य अधिकारियों के लिए 108 भर्तियां निकाली थी। इसमें महिला सैन्य अधिकारी कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स, ऑर्डिनेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स समेत अन्य शाखाओं की स्वतंत्र यूनिट को कमांड कर सकेंगी। इसके बाद ही कर्नल गीता राणा ने ईएमई स्वतंत्र कार्यशाला की कमान संभाली है। आने वाले दिनों में अन्य महिला सैन्य अधिकारियों को भी ऐसी नियुक्ति मिलेंगी।
सहयोगी देशों के साथ सैन्य अभ्यास में भी होंगी शामिल
भारतीय सेना अब महिला सैन्य कर्मियों को सहयोगी देशों के साथ सैन्य अभ्यास में भी शामिल कर रही है। साथ ही शांति मिशन के लिए भी महिला सैन्य अधिकारियों को भेजा जा रहा है। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे महिला अधिकारियों को सेना में सभी संभव अवसर देने के पक्ष में हैं। जल्द ही सेना में आर्टिलरी रेजीमेंट में भी महिला सैन्यकर्मियों को तैनाती दी जा सकती है।