राजनीति

देहरादून RTO दिनेश पठोई की बहाली, विभागीय जाँच में हुए दोषमुक्त

देहरादून:पिछले दिनों मुख्यमंत्री के औचक निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए देहरादून के RTO दिनेशचंद्र पठोई के निलंबन के बाद आज उन्हें पुनः उसी पद पर बहाल कर दिया गया। मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले में जांच आख्या तलब की गई थी जिसके परीक्षण के बाद यह निर्णय लिया गया।

जाँच में पाया गया कि दिनेश चन्द्र पठोई ने 18 मई को दोपहर 1 बजे ढ़ालीपुर स्थित उप संभागीय परिवहन अधिकारी, विकासनगर के कार्यालय में नियत वाहनों की नीलामी सम्बन्धी बैठक में प्रतिभाग करने हेतु प्रातः 10:00 बजे से पूर्व ही देहरादून से प्रस्थान कर चुके थे। जल्दी प्रस्थान करने का कारण उनके द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि नीलामी के पूर्व की औपचारिकताएं पूर्ण कराने में लगभग 02 घण्टे का समय लगता है और यह औपचारिकताएं नीलामी समिति के अध्यक्ष के रूप में वे अपनी उपस्थिति में ही कराना चाहते थे। मुख्यमंत्री के निरीक्षण की सूचना प्राप्त होने के समय पर वे प्रेमनगर के समीप पहुंच चुके थे जिसकी पुष्टि स्मार्ट सिटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के अन्तर्गत देहरादून विकास नगर मार्ग पर स्थापित सी.सी.टी.वी. कैमरे की फुटेज से होती है।

जाँच में यह भी पाया गया आरटीओ देहरादून में कार्यरत कुल कार्मिकों की संख्या 50 है जिसके सापेक्ष 07 कार्मिक यात्रा ड्यूटी पर 03 कार्मिक चिकित्सा अवकाश पर 02 कार्मिक आकस्मिक अवकाश पर 08 कार्मिक प्रवर्त्तन / फील्ड में 01 कार्मिक आई.टी.डी.आर. झाझरा में एवं 01 कार्मिक आपदा प्रचालन केन्द्र में डयूटी पर तैनात होने, 02 कार्मिक कार्यालय में उपस्थित होने के बावजूद उनके द्वारा उपस्थिति पंजिका / बायोमैट्रिक में उपस्थिति दर्ज न कर तथा 01 कार्मिक दिनेश चन्द्र पठोई (स्वयं) क्षेत्र भ्रमण पर निकल जाने के दृष्टिगत शेष 25 कार्मिकों के द्वारा ही उपस्थिति अंकन अपेक्षित था जिसमें से 19 कार्मिकों के द्वारा बायोमैट्रिक / उपस्थिति पंजिका में उपस्थिति अंकित कर दी गयी थी। शेष 06 कार्मिकों में से 04 कार्मिक 10:00 बजे से 10:15 बजे के मध्य कार्यालय के मुख्य गेट पर उपस्थित हो गये थे, किन्तु गेट बन्द होने के कारण उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाये मात्र 02 कार्मिक अनुपस्थित थे। इस प्रकार तदिनांक को कार्यालय में उपस्थित अपेक्षित कार्मिकों की कुल संख्या के सापेक्ष लगभग 90 प्रतिशत कार्मिक कार्यालय में उपस्थित थे और कार्यकलाप बाधित होने की स्थिति नहीं थी।

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