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युवा नेतृत्व का राष्ट्रीय स्वरूप है धामी का प्रभावशाली नेतृत्व

देहरादून। उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है, प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। लेकिन इस राज्य की कहानी केवल प्राकृतिक संसाधनों और पवित्र स्थलों तक सीमित नहीं है। यह कहानी है एक ऐसे नेतृत्व की, जिसने न केवल उत्तराखंड को राज्य स्तर पर सशक्त बनाया बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी पहचान को मजबूती प्रदान की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नेतृत्व निस्संदेह एक दृढ़ संकल्प और दूरदर्शी सोच का उदाहरण है। जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभाला, तब उनके सामने विकास, युवाओं के उत्थान और राज्य को नई दिशा देने जैसी अनेक चुनौतियाँ थीं। लेकिन उन्होंने इन चुनौतियों को अवसरों में बदलने का संकल्प लिया। उत्तराखंड का विकास उनके लिए केवल प्रशासनिक कर्तव्य नहीं था, बल्कि यह राज्यवासियों की आकांक्षाओं और उम्मीदों को साकार करने का मिशन था। धामी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी पहली प्राथमिकता राज्य के युवाओं को दी। उन्होंने यह भली-भांति समझा कि एक सशक्त और आत्मनिर्भर युवा ही प्रदेश की प्रगति का वाहक बन सकता है। इसलिए उन्होंने कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में अनेक योजनाओं का संचालन किया। रोजगार सृजन के लिए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित किया गया, उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया और युवाओं के लिए रोजगार मेले आयोजित किए गए। इन पहलों का परिणाम यह रहा कि उत्तराखंड के युवाओं ने न केवल राज्य में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई।
धामी का विजन हमेशा से स्पष्ट और समर्पित रहा है – उत्तराखंड को एक आदर्श और सशक्त राज्य के रूप में स्थापित करना। उनकी कार्यशैली में तत्परता और कर्तव्यपरायणता का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है। राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर सामाजिक सशक्तिकरण तक, उन्होंने हर पहलू पर ध्यान केंद्रित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की योजनाओं को राज्य में प्रभावी ढंग से लागू किया गया। चाहे वह प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना हो, उज्ज्वला योजना हो या हर घर जल योजना – इन योजनाओं ने लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
धामी का विशेष योगदान उत्तराखंड को धार्मिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने में रहा है। केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का प्रतीक है। प्राकृतिक आपदा के बाद, जब केदारनाथ धाम बर्बादी के कगार पर था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया। उनके इस दूरदर्शी दृष्टिकोण को धरातल पर उतारने का दायित्व मुख्यमंत्री धामी ने अपने कंधों पर लिया। न केवल धाम का पुनर्निर्माण हुआ बल्कि इसे विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त भी बनाया गया। चौड़े और सुरक्षित पैदल मार्ग, ध्यान केंद्र ‘रुद्र गुफा’ और आधुनिक हेली सेवा जैसी व्यवस्थाओं ने केदारनाथ यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाया।   धामी ने धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित किया। आधुनिक रोपवे परियोजनाएँ, विश्रामगृह और डिजिटल सेवाएँ यात्रियों के अनुभव को और अधिक सुखद बनाने में सफल रही हैं। यही कारण है कि उत्तराखंड आज धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
राष्ट्रीय विमर्श में मुख्यमंत्री धामी का नाम समान नागरिक संहिता पर साहसिक कदम उठाने के लिए भी लिया जाता है। उनके नेतृत्व में उत्तराखंड समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला पहला राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। यह न केवल एक कानूनी कदम है बल्कि समाज में समानता और न्याय का प्रतीक भी है। धामी जी का यह साहसिक निर्णय उनकी दूरदर्शिता और न्यायप्रिय सोच को दर्शाता है।

कुशल नेतृत्व से उत्तराखंड ने राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान को और भी सशक्त बनाया
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और केंद्र सरकार के समर्थन से उत्तराखंड ने राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान को और भी सशक्त बनाया है। जी-20 सम्मेलन में उत्तराखंड को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखा गया। यह आयोजन राज्य के लिए गर्व का क्षण था और धामी जी ने इस अवसर का पूरा लाभ उठाते हुए उत्तराखंड की समृद्धि और विकास को उजागर किया।   धामी का दृष्टिकोण केवल विकास कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि वे सामाजिक और सांस्कृतिक सशक्तिकरण को भी प्राथमिकता देते हैं। धार्मिक आयोजनों, सांस्कृतिक महोत्सवों और सामाजिक चेतना अभियानों ने राज्यवासियों के मन में गर्व और उत्साह का संचार किया है। मुख्यमंत्री धामी की कार्यशैली में समर्पण और सेवा भाव स्पष्ट रूप से झलकता है।
उत्तराखंड की तरक्की का यह सफर केवल शुरुआत है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संकल्प है कि राज्य को न केवल आत्मनिर्भर बनाएंगे बल्कि उसे राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर भी शीर्ष स्थान दिलाएंगे। उनकी नेतृत्व क्षमता, निर्णय लेने की तत्परता और जनता के प्रति संवेदनशीलता ने उन्हें एक कुशल और प्रभावी नेता के रूप में स्थापित किया है। उत्तराखंड के विकास की यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सतत् रूप से जारी है। यह यात्रा न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उत्तराखंड का उदय निश्चित रूप से एक नए युग की शुरुआत है, जिसमें आस्था, विकास और सशक्तिकरण का संगम है।

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