देहरादून में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 4.0 का हुआ आयोजन

देहरादून। कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय का पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के अंतर्गत 1 से 30 नवंबर 2025 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) अभियान 4.0 का आयोजन कर रहा है। यह अभियान एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाता है, जो देश भर के 2,000 से अधिक शहरों और कस्बों को कवर करता है ताकि पेंशनभोगियों को विभिन्न डिजिटल माध्यमों से अपने जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में सुविधा हो। अभियान में भाग लेते हुए दिव्या ए. बी. निदेशक ने देहरादून, उत्तराखंड में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के वसंत विहार शाखा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के राजपुर रोड स्थित मुख्य शाखा और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक( प्रधान डाक घर) के डीएलसी शिविरों का दौरा किया और डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा रहे पेंशनभोगियों से बातचीत की। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के अधिकारियों ने पेंशनभोगियों को फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से अपने डीएलसी जमा करने में सहायता की और उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। शाखा कार्यालयों और प्रधान डाकघर में शिविर आयोजित किए गए और कुछ अति वरिष्ठ और अमान्य पेंशनभोगियों के घर जाकर डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र भी उत्पन्न किए।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन प्रक्रिया को आसान बनाने के तहत राष्घ्ट्र-व्घ्यापी डीएलसी अभियान के हिस्से के तौर पर, निदेशक सुश्री दिव्या ए.बी. 21 नवंबर, 2025 को टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड में डीएलसी अभियान के तहत तीन कैंपों का दौरा करेंगी और व्घ्यवस्घ्था देखेंगी और फेस ऑथेंटिकेशन और डोरस्टेप सर्विस के माध्घ्यम से डीएलसी सेवाओं का फ़ायदा उठाने वाले पेंशनभोगियों से बातचीत करेंगी। शिविरों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए चंबा में स्थित मुख्य स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (डीओपी), यूआईडीएआई, एनआईसी और स्घ्थानीय पेंशनभागी कल्घ्याण संघों के बीच समन्घ्वय की समीक्षा करेंगी। यह अभियान बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, यूआईडीएआई, एमईआईटीवाई, एनआईसी, सीजीडीए, रेलवे और पेंशनभोगी कल्घ्याण संघ समेत सभी प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाएगा ताकि पेंशनभोगियों को डिजिटल रूप से शामिल करने के लिए मिलकर काम किया जा सके। एनआईसी डीएलसी पोर्टल अलग-अलग संस्घ्थाओं द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनाने की रियल-टाइम मॉनिटरिंग करता है। पेंशन विभाग निरंतर सुधारों और डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान जैसी प्रौद्योगिकी-संचालित पहलों के माध्यम से पेंशनभोगियों के जीवन को सुविधापूर्ण बनाने और डिजिटल सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
2021 में शुरू की गई इस अभियान में आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे पेंशनभोगी घर बैठे स्मार्टफोन का उपयोग करके अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (डाक विभाग) और बैंकों ने कुछ जरूरतमंद अति-वरिष्ठ और दिव्यांग पेंशनभोगियों को घर-घर जाकर डीएलसी सेवाएँ प्रदान की हैं। बैंकों, पेंशनभोगी संघों और क्षेत्रीय कार्यालयों ने जागरूकता शिविर आयोजित किए हैं और मौके पर पेंशन भोगियों को सहायता प्रदान की है।
डीएलसी 3.0 (2024) के दौरान, 1.62 करोड़ से ज़्यादा डीएलसी जमा किए गए, जिनमें से 50 लाख फेस ऑथेंटिकेशन के ज़रिए बनाए गए। मौजूदा डीएलसी 4.0 (2025) में, प्रारंभिक रिपोर्टें रिकॉर्ड स्तर की भागीदारी दर्शाती हैं, जिसमें बैंकों, आईपीपीबी, यूआईडीएआई, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय , सीजीडीए, रेलवे और पेंशनभोगी कल्याण संघों के संयुक्त प्रयासों से 2 करोड़ डीएलसी का लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद है। (डीएलसी) अभियान 4.0 (2025) अभियान को स्थानीय प्रेस की मदद से उत्साहजनक प्रतिक्रिया और व्यापक स्थानीय भागीदारी मिल रही है। साथ ही दूरदर्शन, आकाशवाणी, डिजिटल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और अखबारों के माध्यम से व्यापक कवरेज भी मिल रही है, जिससे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के बारे में जागरूकता बढ़ रही है। एनआईसी डीएलसी पोर्टल के माध्यम से दैनिक प्रगति पर नज़र रखी जा रही है, जिससे बैंकों और विभागों द्वारा जमा आँकड़ों की रियल-टाईम मॉनिटरिंग संभव हो रही है। विभाग डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान जैसे सतत प्रौद्योगिकी-संचालित सुधारों के माध्यम से पेंशनभोगियों के जीवन को आसान बनाने और डिजिटल सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करता है।



