गढ़वाल मंडल

पहाड़ों ने ओढ़ी सफेद चादर…चकरता, धनोल्टी, हर्षिल, औली सहित चारधाम में हुई बर्फबारी

देहरादून: उत्तराखंड में मौसम ने करवट बदल ली है। अब एक बार फिर से पहाड़ों पर बर्फबारी का दौर शुरु हो गया है। चकरता क्षेत्र के ऊंचाई वाले लोखंडी क्षेत्र में इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई। जिसके चलते यहां का तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस होने से ठंड में इजाफा हुआ। कड़ाके की ठंड के बावजूद स्थानीय व बाहरी पर्यटकों ने बर्फ गिरने का आनंद उठाया।

चकराता के लोखंडी क्षेत्र में सीजन की पहली बर्फबारी होने के साथ ही जौनसार बावर के निचले इलाकों में हल्की वर्षा हुई। जिस तरह का मौसम का मिजाज है, उससे लगता है कि पर्यटन स्थल चकराता छावनी बाजार भी जल्द ही बर्फ की सफेद चादर ओढ़ लेगा।

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत हर्षिल, चकराता और टिहरी के सुरकंडा क्षेत्र में बर्फबारी होने से लोगों के चेहरे खिल उठे। चकराता और सुरकंडा में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। वहीं, अब एक फरवरी यानी आज भी बारिश-बर्फबारी होने की संभावना है। इसके अगले दिन यानी दो फरवरी को मौसम साफ रहेगा। इसके बाद तीन फरवरी की रात मौसम एक बार फिर करवट लेगा और चार-पांच फरवरी को बारिश-बर्फबारी की संभावना है। बुधवार को मौसम ने करवट बदली और बदरीनाथ सहित ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। हालांकि अभी निचले इलाकों में बादल छाए हैं और लोगों को बारिश का इंतजार है।

केदारनाथ में दिनभर बर्फबारी होती रही, जिससे लगभग एक फीट बर्फ जम गई है। बीते चार माह में केदारनाथ में एक दिन में यह सबसे अधिक बर्फबारी है। वहीं, निचले इलाकों में देर शाम हल्की बारिश हुई। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम सहित ऊंचाई वाले इलाकों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। निचले इलाकों में रुक-रुककर बारिश के चलते तापमान में गिरावट आई है। जिसके चलते कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। हर्षिल घाटी में सीजन की तीसरी बर्फबारी से सेब बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं। यहां बर्फबारी नहीं होने से सेब के पेड़ों को पर्याप्त शीतमान यानी ठंडा वातावरण नहीं मिल पा रहा था। जिससे सेब उत्पादन प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही थी। हालांकि अब बर्फबारी के बाद यहां पर्यटकों की आमद भी बढ़ सकती है।

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