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कोटद्वार में फर्जी वित्तीय कंपनी का भंडाफोड़, मुख्य संचालक गिरफ्तार

कोटद्वार। कोटद्वार पुलिस ने फर्जी वित्तीय कंपनी के मुख्य संचालक दिलीप सिंह बोहरा को देहरादून से गिरफ्तार कर बड़ा खुलासा किया है। आरोपी पर साल 2023 से 2024 के बीच कोटद्वार सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आम लोगों से दैनिक जमा योजनाओं के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने, ऑफिस बंद कर फरार होने और निर्धारित अवधि बीत जाने के बावजूद ब्याज सहित जमा धनराशि वापस न करने के गंभीर आरोप हैं।
कोटद्वार निवासी यास्मीन ने 5 सितंबर 2024 को कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि सितंबर 2023 से सितंबर 2024 तक उसने आरोपी कंपनी के निदेशक भीम सिंह के कहने पर “बोहरा ग्रामीण विकास निधि लिमिटेड” में 100 रुपये रोज जमा कर कुल 36,500 रुपये की आरडी योजना खोली। परंतु अवधि पूरी होने के बाद भी न तो उसे ब्याज मिला, न मूल धन। इसी बीच कंपनी संचालक अचानक ऑफिस बंद कर फरार हो गए।
गंभीर आर्थिक धोखाधड़ी की शिकायत पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी सर्वेश पंवार ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार चन्द्रमोहन सिंह, क्षेत्राधिकारी निहारिका सेमवाल और कोटद्वार कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रमेश तनवार के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई। जांच में सामने आया कि उक्त कंपनी ने कोटद्वार ही नहीं, बल्कि राज्य के कई हिस्सों में इसी तरह की जमा योजनाओं का लालच देकर लाखों रुपये जुटाए। यह भी खुलासा हुआ कि कंपनी पर देहरादून व टिहरी जिलों में भी पहले से धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं।
पुलिस टीम ने मुख्य आरोपी दिलीप सिंह बोहरा, निवासी विनोद विहार, श्यामपुर, ऋषिकेश को देहरादून से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने अपने साथियोंकृभीम सिंह, प्यारे राम, बालकरण, सुरेंद्र सिंह नेगी और सूरजमनी सेमवालकृके साथ यह कंपनी बनाई थी।
हालांकि कंपनी मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स में रजिस्टर्ड थी, लेकिन उसे जनता से धन एकत्रित करने, आरडी-एफडी चलाने या जमा योजनाएं संचालित करने का कोई वैध अधिकार नहीं था। इसके बावजूद कंपनी के संचालक पासबुक जारी कर अवैध रूप से लोगों से रकम जमा करते रहे, जो अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। पुलिस के अनुसार अन्य नामजद आरोपी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। इस कार्रवाई में उपनिरीक्षक अनिल चौहान, अपर उपनिरीक्षक अहसान अली, मुख्य आरक्षी शशिकांत त्यागी और आरक्षी गंभीर शामिल रहे।

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