सिलक्यारा में सुरंग में कैद गब्बर सिंह पहुंचे घर… अपनों के छलके आंसू

कोटद्वार: शुक्रवार को गब्बर सिंह नेगी जब कोटद्वार स्थित अपने घर पहुंचे तो वहां भी उनका नायकों जैसा स्वागत किया गया। बेटे को देखकर मां बिचुली देवी की आंखें छलक गईं।
पौड़ी जिले के कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत विशनपुर निवासी गबर सिंह पिछले 25 वर्ष से सुरंग निर्माण कंपनियों से जुड़े हैं। कुछ वर्ष पूर्व भी इसी तरह निर्माण के दौरान सुरंग में फंस चुके गबर सिंह फिलहाल सिलक्यारा सुरंग की निर्माणदायी कंपनी नवयुग में फोरमैन हैं।
12 नवंबर को जब निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हुआ तो गबर सिंह समेत 41 श्रमिक अंदर ही फंस गए। घटना की सूचना के बाद गबर सिंह का बेटा आकाश नेगी, बड़े भाई जयमल सिंह व तीरथ सिंह नेगी समेत परिवार के अन्य सदस्य उत्तरकाशी पहुंचे। इस दौरान आकाश ने पिता गबर सिंह से पाइप के जरिये बात की। तब गबर सिंह ने आकाश को बताया कि उनके साथ जो श्रमिक साथी हैं, उन सबकी सुरक्षा का जिम्मा भी उन्हीं का है। इसलिए वह श्रमिक साथियों का मनोबल बढ़ा रहे हैं।
इस दौरान गबर सिंह ने सुरंग में बिताए 17 दिन के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि परिस्थिति कितनी भी कठिन हो, पर हार नहीं माननी चाहिए। उन्होंने बताया कि सुरंग में शुरुआती दो दिन श्रमिकों ने मूंगफली और केले के छिलके खाकर गुजारे। साथ ही कहा कि ईश्वर ने सभी को हिम्मत प्रदान की और सरकारी मशीनरी ने उन्हें सुरक्षित निकालने को कोई कसर नहीं छोड़ी।