टीएचडीसी इंडिया और राजस्थान सरकार के बीच 1600 मेगावाट के पंप स्टोरेट परियोजनाओं के लिए हुआ ऐतिहासिक समझौता
ऋषिकेश। विद्युत क्षेत्र की प्रमुख मिनी रत्न पीएसयू (सार्वजनिक उपक्रम), टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने राजस्थान सरकार के साथ 800 मेगावाट की दो पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) के विकास के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। 800 मेगावाट की एक परियोजना बूंदी जिले के इंद्रगढ़ तहसील के बिसनपुरा और 800 मेगावाट की दूसरी परियोजना को टोंक जिले के उनियारा तहसील स्थिति रामपुरा में स्थापित किया जाएगा। यह 1,600 मेगावाट की कुल क्षमता वाली इन परियोजनाओं पर कुल 8,800 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर. के. विश्नोई ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को श्राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मीटश् के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और राजस्थान सरकार के युवा मामलों और खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इस ऐतिहासिक एमओयू के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के प्रबंधन को बधाई देते हुए यह भरोसा भी दिया कि परियोजनाओं को समय से पहले और इनके प्रभावी कार्यान्वयन में राजस्थान सरकार भरपूर सहयोग करेगी। श्री शर्मा ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन राजस्थान की ऊर्जा अवसंरचना में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है और राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमताओं को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर. के. विश्नोई ने कहा कि समझौता ज्ञापन के तहत दोनों पंप स्टोरेज परियोजनाओं को ऑफ-स्ट्रीम क्लोज्ड-लूप पीएसपी के रूप में विकसित किया जाएगा। यह सिस्टम, पानी को इस तरह से इस्तेमाल करता है कि जिससे अधिक से अधिक बिजली का उत्पादन किया जा सके। बिसनपुरा पीएसपी के लिए गुड़हा बांध से पानी उपलब्ध कराया जाएगा जो कि परियोजना स्थल से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि रामपुरा पीएसपी को मौजूदा बिसलपुर जलाशय से पानी मिलेगा। दोनों परियोजनाओं के लिए चिह्नित किए गए स्थानों पर पानी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण कार्यान्वयन सफलता पूर्वक सुनिश्चित हो सकेगा और इसका पर्यावरण पर भी न्यूनतम असर होगा। इस वजह से दोनों परियोजनाएं ऊर्जा भंडारण और रिलीज़ के माध्यम से टिकाऊ ऊर्जा समाधान में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं और ग्रिड स्थिरता को बढ़ा सकती हैं।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर. के. विश्नोई ने राजस्थान सरकार के साथ हुए इस ऐतिहासिक समझौते पर कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड का ट्रैक रिकॉर्ड जलविद्युत परियोजनाओं में शानदार रहा है। हमने देश की सबसे बड़ी पीएसपी परियोजना में शामिल 1000 मेगावाट की टिहरी पीएसपी का निर्माण किया है। उन्होंने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि बिसनपुरा और रामपुरा सिर्फ परियोजनाएं नहीं हैं, बल्कि राजस्थान के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। श्री विश्नोई ने कहा कि ये परियोजनाएं हाइड्रो तकनीक में हमारी विशेषज्ञता का उपयोग करेंगी, जो प्रभावी ऊर्जा भंडारण और सतत समाधान सुनिश्चित करेंगी। इससे पर्यावरण और स्थानीय अर्थव्यवस्था, दोनों को लाभ मिलेगा। हम इन परियोजनाओं को साकार करने के लिए राजस्थान सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी), भूपेंद्र गुप्ता ने निगम की तकनीकी क्षमताओं और इस क्षेत्र में पीएसपी के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि ये परियोजनाएं न केवल ऊर्जा भंडारण और उत्पादन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं, बल्कि इनसे स्थानीय रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक परियोजना से लगभग 25 लाख (प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष) घंटे का मानव श्रम सृजन होने की संभावना है, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा। इस समझौता ज्ञापन पर टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी), भूपेंद्र गुप्ता और राजस्थान सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव, आईएएस, अजिताभ शर्मा ने दिल्ली के होटल ताज मान सिंह में हस्ताक्षर किए। यह समझौता राजस्थान की ऊर्जा अवसंरचना में प्रगति का प्रतीक है और राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमताओं को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है। राजस्थान सरकार और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के मध्य हुआ यह समझौता राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा अवसंरचना को सुदृढ़ करने और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप है।