गुलदार ने गजल्ट गांव के ग्रामीण पर किया हमला, गुस्सा लोगों ने वन विभाग के कर्मचारियों को किया कैद

पौड़ी। उत्तराखंड के पौड़ी जिले में इन दिनों गुलदार और भालुओं के आतंक से लोग परेशान है। गुरुवार को भी गुलदार ने पौड़ी विकासखंड के गजल्ट गांव में एक व्यक्ति पर हमला किया, जिससे उसकी व्यक्ति मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके कर्मचारियों को एक कमरे में बंद कर विरोध प्रदर्शन किया।
ग्रामीणों की मांग है कि लगातार हो रहे हमलों को देखते हुए तत्काल गुलदार को शूट करने की अनुमति दी जाए, ताकि लोगों की जान बच सके। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में लंबे समय से गुलदार की गतिविधियां बढ़ी हुई हैं और कई बार इसकी सूचना विभाग को दी जा चुकी है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उनका कहना है कि यदि समय रहते कदम उठाए जाते तो आज यह दुखद घटना नहीं होती। लगातार बढ़ती घटनाओं से स्थानीय लोग दहशत में हैं और गांव में शाम ढलते ही लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
जानकारी के मुताबिक गजल्ट गांव निवासी 45 साल से राजेंद्र नौटियाल रोजाना की तरह मंदिर में पूजा-अर्चना करने गए थे। वहीं से लौटते समय जंगल के रास्ते पर घात लगाए बैठे गुलदार ने उन पर अचानक हमला कर दिया। गुलदार के हमले की तीव्रता इतनी भयानक थी कि राजेंद्र ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हमले की जानकारी मिलते ही गांव में चीख-पुकार मच गई। परिवार में कोहराम, गांव में मातम और पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल पसर गया।
इलाके में लगातार हो रहे गुलदारों के हमलों के कारण गुरुवार को ग्रामीणों को गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने राजेंद्र नौटियाल की मौत पर गांव में पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों को घेर लिया और ग्रामीण भवन के एक कमरे में बंद कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग केवल औपचारिकता निभा रहा है। गुलदार के आतंक पर नियंत्रण के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। वन विभाग की इसी लापरवाही के कारण आज एक व्यक्ति की मौत हो गई। ग्रामीणों ने साफ कहा है कि जब तक डीएफओ सहित उच्च अधिकारी गांव में नहीं पहुंचते और गुलदार को शूट करने का आदेश जारी नहीं करते, तब तक वे कर्मचारियों को नहीं छोड़ेंगे। तब तक उनका आंदोलन भी जारी रहेगा।
ग्रामीणों ने बताया कि जिस रास्ते पर आज गुलदार ने हमला किया है, उसी रास्ते से रोजाना गांव के स्कूली बच्चे आवाजाही करते हैं। कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राएं भी इसी मार्ग से गुजरते हैं। उन्हें डर है कि गुलदार किसी और पर भी हमला कर सकता है। हालात ज्यादा बिगड़े उससे पहले गुलदार को खत्म किया जाए।
ग्रामीणों ने कहना है कि गुलदार के डर से महिलाएं और बच्चे घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। रात तो दूर, दिन में भी सुनसान क्षेत्र में जाना जोखिम भरा हो गया है। हालात बिगड़ते देख रेंजर दिनेश नौटियाल मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि घटना स्थल के आसपास पिंजरा लगाया जाएगा। स्थिति पर नजर रखने के लिए ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। गुलदार को शूट करने की अनुमति के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।



