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मसूरी-देहरादून मार्ग पर भीषण जाम, सड़कों पर रेंगती रही गाड़ियां

देहरादून। छुट्टियों और त्योहारों के मौसम में ‘पहाड़ों की रानी’ मसूरी एक बार फिर भीषण ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रही है। गांधी चौक, लाइब्रेरी चौक, केंपटी मार्ग और मालरोड पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। देहरादून से मसूरी का महज 32 किलोमीटर का सफर, जो सामान्य दिनों में एक घंटे में पूरा हो जाता है, अब तीन से चार घंटे में तय हो रहा है। दिनभर और देर रात तक जाम की स्थिति बनी रही। वाहन रेंगते हुए आगे बढ़ते नजर आए। सैकड़ों पर्यटक और स्थानीय लोग घंटों सड़क पर फंसे रहे। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आए सैलानियों को खासा परेशान होना पड़ा।
15 सितंबर को आई प्राकृतिक आपदा के बाद देहरादून-मसूरी मार्ग का कोलूखेत झरने वाला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। मलबा गिरने और पहाड़ी दरकने से इस मार्ग पर लंबे समय तक आवाजाही बंद रही। वर्तमान में सड़क की मरम्मत का कार्य जारी है। सुरक्षा कारणों से वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू की गई है। यही अस्थायी व्यवस्था अब जाम की प्रमुख वजह बन गई है। मसूरी के टैक्सी चालकों का कहना है कि पहले शहर का एक चक्कर आधे घंटे में पूरा हो जाता था, जबकि अब वही दूरी तय करने में ढाई से तीन घंटे लग रहे हैं। स्थानीय व्यापारी संगठन के सदस्यों ने प्रशासन पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि हर साल सीजन में ट्रैफिक की समस्या बढ़ जाती है, लेकिन इसके स्थायी समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते।
मसूरी निवासी अनिल सिंह ने बताया, “हर साल यही हाल रहता है। पुलिस केवल बेरिकेड्स लगाकर औपचारिकता निभाती है। कोई ठोस ट्रैफिक प्लान नहीं है। जिससे पर्यटक और स्थानीय दोनों परेशान होते हैं”।
सैलानियों की नाराजगीरू दिल्ली से आई पर्यटक श्रुति शर्मा ने कहा, “हमने सोचा था मसूरी आकर फ्रेश महसूस करेंगे, लेकिन होटल पहुंचने से पहले ही तीन घंटे जाम में फंसे रहे। पहाड़ तो सुंदर हैं, पर ट्रैफिक व्यवस्था बेहद खराब है”। मसूरी कोतवाल देवेंद्र चौहान ने बताया मार्ग की मरम्मत का कार्य जारी है। सुरक्षा कारणों से वन-वे ट्रैफिक लागू किया गया है। उन्होंने कहा, “पुलिस बल तैनात है और यातायात को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की जा रही है। सैलानियों से अनुरोध है कि वे संयम और धैर्य बनाए रखें”।  त्योहार और छुट्टियों के सीजन में सैलानियों की भारी भीड़ के बीच मसूरी में ट्रैफिक प्रबंधन प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक के सुचारू संचालन के लिए ठोस नीति बनाई जाए।

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