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नैनीताल की ऐतिहासिक माल रोड को खतरा, धंसना शुरू

नैनीताल। उत्तराखंड में पहाड़ी कई इलाके दरारें आने से खतरे में हैं। जोशीमठ (अब ज्योतिर्मठ) में दरारों ने काफी हड़कंप मचवाया था। फिर तोता घाटी की पहाड़ी पर आई दरारें सुर्खियां बनीं। अब नैनीताल के माल पर खतरे की दरार पड़ गई है। ये दरारें हादसे का कारण तो बन ही सकती हैं, नैनीताल की ऐतिहासिक माल रोड के लिए भी खतरा बन सकती हैं।
नैनीताल की माल रोड पर भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। शहर की ऐतिहासिक माल रोड पर लगातार बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने लगी हैं। इसको देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने सड़क पर यातायात को प्रतिबंधित कर दिया है। माल रोड पर ग्रैंड होटल के समीप सड़क में बड़ी दरार पड़ने से अब अपर माल रोड पर वाहनों का दबाव बढ़ने लगा है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रत्नेश सक्सेना ने बताया कि लोअर माल रोड को ठीक करने का काम 22 सितंबर से होना था। उससे पहले सड़क पर इस तरह की घटना देखने को मिली है। सड़क पर फिलहाल यातायात को बंद कर दिया गया है। आज यानी सोमवार 15 सितंबर से ही सड़क का काम शुरू कर दिया जाएगा।
स्थानीय लोगों ने लगाया लापरवाही का आरोपरू स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि 2018 में माल रोड का 50 मीटर हिस्सा नैनी झील में गिरने के बाद भी लोक निर्माण माल रोड को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। जिसके चलते अब इस तरह की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। बताते चलें वर्ष 2018 में भी इसी स्थान पर माल रोड का करीब 50 मीटर हिस्सा भूस्खलन के चलते नैनी झील में गिर गया था। जिसके बाद करीब 5 महीने तक नैनीताल की माल रोड पर यातायात बंद हो गया था। वहीं एक बार फिर अब माल रोड पर इस तरह की दरार बढ़ने लगी है।
नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने बताया कि माल रोड, हल्द्वानी, भवाली रोड समेत नैनीताल के आसपास के क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन की रिपोर्ट केंद्र को भेजी गई है। बीते दिनों केंद्र की टीम ने निरीक्षण किया गया। उनके सामने भी विषय को रख कर बजट की डिमांड की है।
नैनीताल की माल रोड यहां के निवासियों की लाइफ लाइन होने के साथ ही ऐतिहासिक भी है। माल रोड का निर्माण अंग्रेजों ने करवाया था। इसे 1846 में बनवाया गया था। माल रोड नैनीताल शहर के मल्लीताल और तल्लीताल इलाके को जोड़ती है। नैनीताल आने वाले पर्यटकों में माल पर टहलने को लेकर बड़ा चार्म रहता है। इस पर चलते हुए पर्यटक नैनीताल की खूबसूरत नैनी झील का दीदार करते हैं। माल रोड का ऑफिशियल नाम उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय गोविंद बल्लभ पंत के नाम पर है।

लोग पीडब्ल्यूडी को बता रहे लापरवाह
नैनीताल  वहीं स्थानीय लोगों ने लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि माल रोड पर 2018 में हुई घटना के बाद से लगातार बड़ी-बड़ी दरार आ रही हैं। इसके बावजूद विभाग माल रोड का स्थाई उपचार करने के बजाए उन दरारों पर केवल डामर लगाकर काम में लापरवाही बरत रहा है। इसके चलते अब माल रोड के अस्तित्व पर खतरा बन गया है।

2018 की घटना से नहीं लिया सबक
नैनीताल। स्थानीय निवासी सिब्बन लाल बताते हैं कि 2018 में ग्रैंड होटल के पास सड़क में भूस्खलन होने के बाद से अब तक विभाग ने कोई बेहतर और ठोस कार्य नहीं किया जिसका असर अब धीरे-धीरे माल रोड के अन्य क्षेत्रों की तरफ बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में पर्यटन सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में माल रोड पर वाहनों का दबाव पड़ेगा। लिहाजा विभाग को इस तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है। अगर माल रोड का स्थाई उपचार नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में इसका असर माल रोड से लगी पहाड़ियों में देखने को मिलेगा, जहां पर भूस्खलन की आशंका बढ़ेगी। स्थानी निवासी प्रमोद बताते हैं कि भूस्खलन का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। अगर यही स्थिति रही, तो माल रोड के किनारे बनी दुकानों ओर होटलों पर भी खतरा बढ़ जाएगा।

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