पुलिस अपराध

अब बड़े पर्दे पर दिखेगा कातिल ‘माही’ का कुबूलनामा, प्रेमी अंकित को ऐसी दी थी खौफनाक मौत

देहरादून: कारोबारी अंकित चौहान हत्याकांड मामले में वेब सीरिज बनने जा रही है। मुंबई के एक डायरेक्टर ने एसएसपी पकंज भट्ट से संपर्क किया। हल्द्वानी में हुए अंकित हत्याकांड में मुख्य आरोपियों के पकड़े जाने के बाद प्रेमिका ने चौंकाने वाले खुलासे किए थे। उसने बताया था कि अंकित को बेहोशी की हालत में नहीं बल्कि जबरन पकड़कर सांप से डसवाया गया।

अंकित को सांप से डसवाने से पहले पांच लोगों ने उसके ऊपर कंबल डालकर दबोचा लिया था। पुलिस पूछताछ में ये सारी बातें माही ने कबूली हैं। एसएसपी पंकज भट्ट ने माही से पूछताछ के बाद बताया कि घटना वाले दिन अंकित करीब छह बजे गोरापड़ाव स्थित माही के घर पहुंचा था। यहां माही, दीप कांडपाल, सपेरा, नौकर, नौकरानी पहले से मौजूद थे। इन्होंने पहले उसे बीयर पिलाई।

बीयर पिलाने के बाद दीप कांडपाल ने उसके ऊपर कंबल डालकर गिरा दिया। इसके बाद दो लोग अंकित के ऊपर चढ़ गए। दो लोगों ने हाथ और एक ने पैर पकड़ा। अंकित का दम घुटने लगा तो उसने हाथ-पैर छोड़ दिए।

इसके बाद सपेरा दूसरे कमरे से सांप लेकर आया और उसके पैर में सांप से डसवा दिया। आधा घंटा इंतजार करने के बाद जब अंकित के शरीर में हरकत हुई तो उसने दोबारा दूसरे पैर में सांप से डसवाया। इस तरह अंकित की घर पर ही मौत हो गई।

एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि माही प्रापर्टी डीलर थी और दीप कांडपाल उसका असिस्टेंट था। दोनों में आठ साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। कहा कि माही को वर्ष 2020 में पुरानी गाड़ी लेनी थी। इसे लेकर माही की मुलाकात अंकित से हुई थी। माही, दीप कांडपाल, नौकर-नौकरानी ने हत्या के बाद न तो बैंक से पैसे निकाले न ही उन्होंने यूपीआई से पेमेंट किया।

इस दौरान उन्होंने हर जगह कैश में ही भुगतान किया। माही ने पुलिस को बताया कि वह घर से भागने से पूर्व अपने साथ नकद पैसे लेकर गई थी। उसने टैक्सी से लेकर होटल और खाने तक का नकद ही भुगतान किया।

घटना के पुलिस ने माही से लेकर नौकर तक के नंबर सर्विलांस में लगाए थे। इन नंबरों से 15 दिन में कहा-कहा कॉल की गई, इसकी डिटेल निकाली गई। इन नंबरों में से संदिग्ध नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया। एक नंबर के चक्कर में पुलिस बंगाल तक पहुंच गई। बाद में पता चला कि दीप ने गलत नंबर में मिस कॉल कर दी थी। हालांकि चारों आरोपियों के नंबर बंद थे।

इस कारण खुलासा करने में इतना समय लग गया। पुलिस सूत्रों की माने तो हत्याकांड से पूर्व दीप कांडपाल एक नंबर पर अधिक बात करता था। वह गुड़गांव का नंबर था। पुलिस को शक हुआ कि भागने के बाद दीप इस नंबर पर दोबारा दूसरे नंबर से कांटेक्ट करेगा। पुलिस को इससे सफलता मिल गई।

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