दर्दनाक हादसा: मद्महेश्वर ट्रेक पर फंसकर हुई थी ट्रेकर की मौत, 25 दिन बाद मिला शव

रुद्रप्रयाग : केदारनाथ ट्रैकिंग रूट पर एक बार फिर दर्दनाक हादसा हुआ है। रासी-महापंथ-केदारनाथ ट्रैक पर पिछले 25 दिन तक मृत पड़े बंगाल के ट्रेकर का शव को जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने वायुसेना की मदद से निकाल लिया है। शव केदारनाथ से छह किमी दूर ट्रेक पर टेंट के अंदर रखा हुआ था। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि शव लेने के लिए पिछले चार दिन में दो बार हेलिकॉप्टर को शव लेने के लिए क्षेत्र में भेजा गया था, लेकिन बर्फ अधिक होने के कारण लैंड नहीं हो पा रहा था।
केदारनाथ धाम से छह किमी की दूरी पर बंगाल के ट्रेकर आलोक विश्वास पुत्र बबूल विश्वास, निवासी नीचूताला, सगुना बंगाल की गत 9 अक्टूबर को मौत हो गई थी। इस क्षेत्र में लगातार बर्फबारी हो रही थी, जबकि जिस स्थान पर शव था वह रास्ता भी काफी खतरनाक था। हेली से ही शव को लाया जाना था। हेली की अनुमति के लिए जिला आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा वायुसेना से संपर्क किया जा रहा था। लेकिन हेली उपलब्ध न होने से शव वहीं ट्रैक पर पड़ा रहा।
बता दें कि बीते दो अक्तूबर को रांसी गांव से दस सदस्यीय ट्रेकिंग दल रांसी-मनणी-केदारनाथ रूट पर ट्रैकिंग के लिए निकला था। दल में शामिल पश्चिम बंगाल निवासी आलोक विश्वास और विक्रम मजूमदार थकान के कारण मनणी के समीप महापंथ से आगे नहीं जा सके और वहीं रुक गए। दल में शामिल अन्य आठ लोग उसी रात केदारनाथ पहुंच गए थे। दल ने महापंथ में रुके साथियों की प्रशासन व पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी। आठ अक्तूबर की सुबह जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय को सूचना मिली कि रांसी-मनणी-केदारनाथ रूट पर दो ट्रैकर फंसे हैं जिसमें से एक की तबीयत खराब है।
एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की मदद से जिला आपदा प्रबंधन टीम केदारनाथ से क्षेत्र के लिए रवाना हुई लेकिन खराब मौसम के कारण भैरवनाथ मंदिर से लौट आए। अगली सुबह नौ अक्तूबर को टीम दोबारा महापंथ के लिए रवाना हुई और मौके पर पहुंची जहां पर उन्हें आलोक विश्वास मृत मिला। विक्रम मजूमदार बहुत ही थका हुआ था जिन्हें रेस्क्यू कर केदारनाथ लाया गया।