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सचिव जलागम की अध्यक्षता में हुई स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी की राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति की बैठक

देहरादून। सचिव जलागम एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति की चौथी बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक में जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कुल 3 कार्य योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई, जिनकी कुल लागत 382.26 लाख है। स्वीकृत परियोजनाओं में जनपद नैनीताल एवं उधमसिंह नगर के लिए भू-गर्भीय जलभृत रिचार्ज की 207.56 लाख की कार्ययोजना शामिल है। इसके अतिरिक्त, वर्षा आधारित नदियों के पुनर्जीवन के तहत, चमोली जनपद की चंद्रभागा नदी के लिए 174.70 लाख की परियोजना को भी हरी झंडी मिली। बैठक में जल संरक्षण एवं प्रबंधन से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्देश और निर्णय लिए गए, जिन पर तत्काल प्रभाव से कार्य करने पर बल दिया गया।
प्रदेश की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित सभी जिलों के कार्यक्रमों का डॉक्यूमेंटेशन यथाशीघ्र प्रशासन को भेजने के निर्देश दिए। जल स्रोतों और नदी पुनर्जीवन से जुड़े सभी रेखीय विभागों को आपस में समन्वित रूप से कार्य करने पर विशेष बल दिया। सचिव ने कहा कि जनपदीय स्तर पर ै।त्त्। समितियों की बैठकें कर प्रस्तावों को आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि जल संरक्षण कार्यों में स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए तथा ग्राम पंचायत स्तर पर धारा-नौला संरक्षण समितियों का शीघ्र गठन किया जाए, जो स्थानीय स्तर पर निगरानी का कार्य करेंगी।
सभी जनपदों को “वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर“ के सिद्धांत पर तैयार की जा रही अपनी कार्ययोजनाओं में जलागम से जुड़े कार्यों को प्रमुखता से सम्मिलित करने के निर्देश दिए। इसका उद्देश्य अधिकाधिक वर्षा जल संरक्षण एवं संवर्धन सुनिश्चित करना है। सारा से जुड़े कार्यदायी रेखीय विभागों की टैक्निकल टीमों को ट्रेनिंग दिए जाने हेतु निर्देशित किया, जिससे परियोजनाओं का क्रियान्वयन वैज्ञानिक और प्रभावी तरीके से हो सके। राज्य की अमूल्य धरोहर पारंपरिक धारों व नौलों के पुनर्जीवीकरण के लिए तत्काल चिन्हीकरण करने के निर्देश दिए।
सचिव ने “वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर“ के सिद्धांत पर स्वीकृत परियोजनाओं के जलागम क्षेत्रों में स्थानीय-ग्राम स्तर पर पैराहाइड्रोलॉजिस्टों की ट्रेनिंग आयोजित करने हेतु निर्देशित किया गया, ताकि जल प्रबंधन में स्थानीय विशेषज्ञता को बढ़ावा मिले। परियोजनाओं में अधिकाधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए क्षमता विकास व कार्यशालाओं के आयोजन पर बल दिया गया। बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कहकशां नसीम ने एक करोड़ से अधिक लागत की कार्य योजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया और कहा कि जनपदों से आने वाली कार्ययोजनाओं में सभी रेखीय विभाग मिलकर एक जलागम क्षेत्र के ऊपर कार्य करें जिससे उस जलागम क्षेत्र का सतत पुनर्जीवीकरण हो सके। इस बैठक में लिए गए निर्णयों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार जल संरक्षण, पारंपरिक जल स्रोतों के पुनर्जीवन और नदी पुनर्जीवन के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए अंतर-विभागीय समन्वय और स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है। इस अवसर पर बैठक में विभिन्न जनपदों से मुख्य विकास अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, ग्राम विकास विभागों के प्रतिनिधि आन लाइन माध्यम से जुडे तथा सारा की राज्य स्तरीय टीम उपस्थित रही।

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