छात्रवृत्ति घोटाले में फरार कॉलेज का मालिक STF ने किया गिरफ़्तार
देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में एसटीएफ की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। बीते तीन सालों से फरार चल रहे हरिद्वार जिले के एम्पावर एकेडमी का निदेशक राहुल बिश्नोई गिरफ्तार हो गया है। एसटीएफ की टीम ने आरोपी को देहरादून के मोहनी रोड से दबोचा है। आरोपी राहुल बिश्नोई ने समाज कल्याण अधिकारियों से मिलीभगत कर 25 लाख की छात्रवृत्ति का गबन किया था। जिसके ऊपर 15 हजार रुपए का इनाम रखा गया था। बिश्नोई साल 2019 से फरार चल रहा था।
बता दें कि हरिद्वार के रानीपुर इलाके में एम्पावर एकेडमी के नाम से राहुल बिश्नोई का एमबीए, बीबीए, बीसीए समेत अन्य डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का कॉलेज है। इसी शिक्षण संस्थान में निदेशक राहुल बिश्नोई पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने कॉलेज में एडमिशन दिखाकर कर 25 लाख से अधिक की छात्रवृत्ति की धनराशि गबन करने का आरोप है।
राहुल बिश्नोई पुत्र केके बिश्नोई के खिलाफ साल 2019 में छात्रवृत्ति घोटाले में हरिद्वार सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। बिश्नोई अपने निवास ऋषिकेश के आवास विकास 546 से फरार चल रहा था। मुखबिर और सूचना तंत्र की सटीक जानकारी के आधार पर गुरुवार तड़के 15 हजार के इनामी राहुल बिश्नोई को एसटीएफ की टीम ने देहरादून के मोहनी रोड से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया है।
उत्तराखंड एसटीएफ यानी स्पेशल टास्क फोर्स के मुताबिक, साल 2019 में सिडकुल थाने में हरिद्वार के रानीपुर मोड़ स्थित एम्पावर एकेडमी कॉलेज निदेशक राहुल बिश्नोई के खिलाफ छात्रवृत्ति घोटाला मामले में धारा 420, 409, 467, 468, 471, 34, 120बी आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।
वहीं, मुकदमा दर्ज होने के बाद राहुल बिश्नोई के खिलाफ विवेचना जारी थी। राहुल के खिलाफ समाज कल्याण अधिकारियों की मिलीभगत से 25 लाख से ज्यादा के छात्रवृत्ति गबन के कई दस्तावेज और सबूत मिले थे, लेकिन राहुल ठिकाने बदल-बदल कर पुलिस को चकमा दे रहा था। हरिद्वार एसएसपी की ओर से राहुल की गिरफ्तारी के लिए ₹15,000 का इनाम भी घोषित किया गया था। जिसे देहरादून से गिरफ्तार किया गया है।
छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल एम्पावर पावर एकेडमी ने हिमाचल प्रदेश से मान्यता ली थी। एसटीएफ की जांच पड़ताल में इस बात का भी खुलासा हुआ कि छात्रवृत्ति निधि के तहत 25 लाख का गबन करने वाले एम्पावर एकेडमी (कॉलेज) ने हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय से मान्यता ली थी। जबकि, मानव भारती विवि पहले ही फर्जीवाड़े में घिरी हुई है।