टिहरी रवीना मौत का मामला, अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे लोग हेल्थ सिस्टम पर खड़े किए सवाल

टिहरी। टिहरी जिले में पिलखी अस्पताल में प्रसव के बाद श्रीनगर बेस अस्पताल में हुई रवीना की दर्दनाक मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में लापरवाही के खिलाफ लोगों का जन आक्रोश अब सड़कों पर दिखाई देने लगा है। घनसाली क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने पिलखी अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।
इस धरने का नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता संदीप आर्य कर रहे हैं, जिनके साथ क्षेत्र के अनेक राजनीतिक व सामाजिक संगठन भी धरने में शामिल हुए। धरना स्थल पर लोगों ने मांग उठाई कि पहाड़ों के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, उपकरणों की अनुपलब्धता और प्रसव सेवाओं की लचर व्यवस्था पर सरकार तत्काल ठोस कदम उठाए। धरना स्थल पर पहुंचे टिहरी के सीएमओ डॉ. श्याम विजय ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि विभाग स्तर पर जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही उन्होंने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि अगर रवीना अपनी पूरी चिकित्सकीय जानकारी डॉक्टरों को पहले दे देती, तो शायद आज वह हमारे बीच होती धरना स्थल पर मौजूद लोगों ने इस बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि डॉक्टरों का दायित्व मरीज की स्थिति को समझना और समय पर उपचार देना होता है, न कि जिम्मेदारी मरीज पर डाल देना। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार के ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक यह धरना जारी रहेगा।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सेम बासर की रवीना कठैत (22) पत्नी कुलदीप कठैत को गुरुवार सुबह 6 बजे प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद परिजन महिला को पीएचसी पिलखी ले गए। पिलखी पीएचसी में महिला ने सुबह करीब 8 बजे बच्चे को जन्म दिया, लेकिन देर शाम ही महिला की तबीयत बिगड़ने लगी। चिकित्सकों के अनुसार महिला को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर बेस अस्पताल श्रीनगर के लिए रेफर कर दिया। शुक्रवार को उपचार के दौरान बेस अस्पताल श्रीनगर में महिला की मौत हो गई। महिला के पति होटल में कार्य करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रात को जब उनकी पत्नी को जब सांस लेने में दिक्कत हुई, तो वहां कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था, वहां सिर्फ वार्ड ब्वाय ही था। जिससे चिकित्सकों की लापरवाही साफ झलकती है। उन्होंने इसकी जांच की मांग की है। इससे पहले ऐसी ही घटना इसी अस्पताल में बीते 6 सितम्बर को हुई थी। जहां महिला की डिलीवरी के कुछ दिन बाद 15 सितम्बर को मौत हो गई थी।


