वनाग्नि की दृष्टि से अंति संवेदनशील है जनपद: सौरभ

रुद्रप्रयाग। वन प्रभाग रुद्रप्रयाग के तत्वाधान में वनाग्नि नियंत्रण को लेकर रेखीय विभागों, स्थानीय जन प्रतिनिधियों, स्वयं सहायता समूहों, महिला मंगल दलों, वन पंचायतों के साथ जन सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि रुद्रप्रयाग वनाग्नि दृष्टिकोण से अति सवेंदनशील जिला है। प्रभारी मत्री ने बताया कि सरकार वनाग्नि को लेकर गंभीर है और वनाग्नि को जन सहभागिता, सभी विभागों के आपसी सामंजस्य से नियंत्रित किया जा सकता है।
कार्यक्रम में विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चैधरी ने बताया कि वनाग्नि एक आपदा है तथा इसको नियंत्रित करने में सभी के सहयोग की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि पर्यावरणविद जगत सिंह चैधरी “जंगली‘‘, एवं पर्यावरण विशेषज्ञ देव राघवेंद्र बद्री ने भी वनाग्नि तथा पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में गढ़वाल विश्वविध्यालय के छात्रों तथा “नारी शक्ति जन जागरूकता दल” बुढ़ना ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से वनाग्नि के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया। विगत वर्ष वनाग्नि काल में वन विभाग के सहयोग करने वाले महिला मंगल दलों, वन पंचायतों तथा स्वयं सेवी संस्थानों को काबीना मंत्री ने प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। इस अवसर पर उप वन संरक्षक रुद्रप्रयाग वन प्रभाग कल्याणी ने स्थानीय महिला मंगल दलों, स्वयं सहायता समूहों, वन पंचायतों तथा आम जन मानस से वनाग्नि नियंत्रण के लिए सहयोग की अपील की। कार्यक्रम में उप प्रभागीय वनाधिकारी जखोली डॉ दिवाकर पन्त, उप प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग देवेंद्र सिंह पुंडीर, रेंज अधिकारी रुद्रप्रयाग संजय, रेंज अधिकारी अगस्तमुनि हरी शंकर रावत, रेंज अधिकारी उत्तरी जखोली सुरेन्द्र नेगी सहित राजस्व, पुलिस, अग्निशमन, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरी विकास, लोक निर्माण विभाग, ग्राम्य विकास के जिला स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।