गढ़- कुमों संस्कृति

प्रीतम भरतवाण और कनिष्क सेठ का खूब चला जादू

देहरादून: ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में चल रहे समर फेस्ट 2022 में जहां एक तरफ जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम सिंह भरतवाण ने उत्तराखंड के पारंपरिक लोकगीतों का जादू बिखेरा। वहीं प्रसिद म्यूजिक कंपोजर कनिष्क सेठ ने अमीर खुसरो और बाबा बुले शाह जैसे सूफियों के कलामों को नए अंदाज में पेश किया।

ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक अध्यक्ष प्रो कमल घनशाला ने पद्मश्री प्रीतम सिंह भरतवाण को 2 लाख की सम्मान राशि भेंट करते हुए कहा कि सफलता पाने के साथ-साथ नई पीढ़ी का अपनी जड़ों और संस्कृति से जुड़े रहना जरूरी है। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में डांस टू द ट्यून ऑफ उत्तराखंड फोक म्यूजिक कार्यक्रम में पद्मश्री प्रीतम सिंह भरतवाण के 32 सदस्य डांस ट्रूप ने उत्तराखंड के पारंपरिक गीतों, जागरों और पवाड़ों को राज्य के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों के पारंपरिक वाद्यों जैसे डोल, डमरू और थाल के सुरों के साथ पेश किया। एक के बाद एक गीतों की प्रस्तुति से उन्होंने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। लोकप्रिय कुमाऊँनी गायक बिशन सिंह हरियाला ने भी दर्शकों को देर तक अपने गीतों पर थिरकाया।

जाने माने सूफी ट्रांस म्यूजिक कंपोजर कनिष्क सेठ ने अमीर खुसरो और बाबा बुल्ले शाह के प्रसिद्ध सूफी कलामों को सूफी इलेक्ट्रॉनिक ट्रांस के रूप में युवाओं के सामने पेश किया। उन के ट्रांस सूफी कंपोजिशंस रंगी सारी, की जानना और सड्डा साहिब की बिट्स पर छात्र छात्राएं देर तक थिरकते नजर आए। देवाश्री ने वोकलिस्ट के तौर पर और अद्वंत ने बांसुरी पर कनिष्क सेठ को संगत दी। प्रसिद सूफी रॉक बैंड परवाज ने अपनी फ्यूजन म्यूजिक पर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

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