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हाईकोर्ट ने कंपनी और अधिकारियों पर ठोका एक करोड़ रुपये जुर्माना

नैनीताल। हरिद्वार में सड़क निर्माण के दौरान निजी भूस्वामी की जमीन को हुए नुकसान पर नैनीताल हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने निर्माण कार्य से जुड़ी कंपनी, निदेशक खनन एवं भूविज्ञान और परियोजना निदेशक को एक करोड़ रुपये जमा करने के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि 1 करोड़ रुपये की राशि 19 अगस्त से पहले हर हाल में जमा करानी होगी। इसमें से 50 लाख रुपये निर्माण कंपनी भरेगी, जबकि निदेशक खनन एवं भूविज्ञान तथा परियोजना निदेशक को 25-25 लाख रुपये जमा करने होंगे। यह राशि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (न्यायिक) के पक्ष में राष्ट्रीयकृत बैंक में सावधि जमा (एफडी) के रूप में जमा कराई जाएगी।
गौरतलब है कि 4 अगस्त 2025 को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि परियोजना निदेशक और खनन विभाग निजी भूस्वामी महावीर सिंह व अन्य प्रभावित लोगों की जमीन धंसने की समस्या का समाधान प्रस्तुत करें। लेकिन 11 अगस्त की सुनवाई में जब परियोजना निदेशक ने यह दलील दी कि ठेकेदार को गन्नी बैग रखने की सलाह दी गई है, तो खंडपीठ ने कड़ी नाराजगी जताई और इसे “गैर जिम्मेदाराना रवैया” करार दिया।
अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि “ऐसी गैर जिम्मेदाराना सोच किसी भी न्यायालय को स्वीकार नहीं हो सकती। विभाग और ठेकेदार का रवैया आदेशों की अवमानना और लापरवाही को दर्शाता है। साथ ही, हाईकोर्ट ने सरकार और ठेकेदार की लिखित आश्वासन वाली दलील को “आंखों में धूल झोंकने की कोशिश” बताया और कहा कि अब केवल कागजी आश्वासन नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई जरूरी है।
अदालत ने साफ कहा कि राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश से प्रभावित भूस्वामियों की जमीन को धंसने का गंभीर खतरा है। ऐसे में सुरक्षा कार्य न करना जानबूझकर लापरवाही जैसा है। अब इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त 2025 को होगी, जिसमें सभी पक्षों को अनुपालन रिपोर्ट पेश करनी होगी।

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