पर्यटन- तीर्थाटन

पर्यटकों लिए आज बंद हो जाएगी फूलों की घाटी, पहुंचे रिकॉर्ड पर्यटक

चमोली: विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी शीतकाल के लिए आज सोमवार को बंद कर दी जाएगी। समुद्रतल से 12995 फीट की ऊंचाई और 87.5 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली विश्व धरोहर फूलों की घाटी में इस साल 20827 पर्यटक पहुंचे, जिसमें 280 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।

इस साल घाटी में रिकॉर्ड पर्यटक आए जिससे वन विभाग ने 31 लाख से अधिक की कमाई की है। 87.5 वर्ग किमी में फैली फूलों की घाटी रंग बिरंगे फूलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व विख्यात है। यहां के स्लोप पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। घाटी पर्यटकों के लिए एक जून के खोली गई थी। घाटी में जुलाई से अक्तूबर तक 300 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। यहां पोटोटिला, प्रिम्यूला, एनीमोन, एरिसीमा, एमोनाइटम, ब्लू पॉपी, मार्स मेरी गोल्ड, ब्रह्म कमल, फैन कमल जैसे कई फूल खिले रहते हैं।

घाटी में दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतु, वनस्पति व जड़ी बूटियों का भंडार है। विभिन्न प्रकार के फूल होने पर यहां तितलियों का भी संसार रहता है। इस घाटी में कस्तूरी मृग, मोनाल, हिमालय का काला भालू, गुलदार, हिम तेंदुआ भी दिखता है।

इस घाटी का पता सन 1931 में सबसे पहले ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ और उनके साथी आर एल होल्डसवर्थ ने लगाया था। ये दोनों पर्वतारोही कामेट पर्वत के अभियान से लौट रहे थे इस दौरान वे रास्ता भटक गए लेकिन यहाँ की खूबसूरती से प्रभावित होकर स्मिथ 1937 में इस घाटी में वापस आये… इसके बाद स्मिथ ने 1938 में “वैली ऑफ फ्लॉवर्स” नाम से एक किताब लिखी जिसमें इस पूरी घाटी के बारे में बताया गया था।

आपको बता दें कि फूलों की घाटी को अंग्रेज़ी में Valley of Flowers कहते हैं.. यह नेशन रिज़र्व फ़ॉरेस्ट की श्रेणी में आता है…. फूलों की घाटी विश्व संगठन, यूनेस्को द्वारा सन् 1982 में विश्व धरोहर यानी WORLD HERITAGE घोषित किया गया जा चुका है। पौराणिक कथा के अनुसार रामायण काल में जब रावण के साथ युद्ध में मेघनाथ ने बाण से लक्ष्मण को मूर्छित किया था …तब हनुमान जी संजीवनी बूटी की खोज में इसी घाटी में आये थे।

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