सैनिक की शहादत का कोई मोल नहीं हो सकताः धामी

देहरादून। हल्द्वानी में गुरूवार को पूर्व सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सीएम धामी ने शिरकत की।पूर्व सैनिक सम्मेलन कार्यक्रंम के दौरान सीएम धामी को उनके पिता जी का चित्र भेंट किया गया। जिसके बाद सीएम धामी भावुक हो गये। इसके बाद सीएम धामी ने सभी वीर सैनिकों को नमन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में सीएम धामी ने अपने संबोधन में पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं का अभिनंदन किया। साथ ही उन्होंने शहीदों की शहादत को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। हल्द्वानी पूर्व सैनिक सम्मेलन में सीएम धामी ने कहा मैंने बचपन से सेना की वर्दी में बसने वाले अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा को देखा है। मैंने देखा है कि एक शहीद की माँ अपने वीर बेटे के बलिदान पर दर्द के साथ गर्व भी महसूस करती है।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में शिरकत करते हुए पूर्व सैनिकों पर पुष्प वर्षा भी की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज वह इस कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं का अभिनंदन करते हैं। आज प्रदेश स्थापना के अवसर पर सैनिक कल्याण विभाग द्वारा पूर्व सैनिकों का सम्मेलन का आयोजन किया है। ऐसे कार्यक्रम में आना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की पहचान सैनिकों से है। सैनिकों को देख कर ही वह बड़े हुए क्योंकि उनके पिता भी एक सैनिक थे।
सीएम धामी ने कहा एक सैनिक की शहादत का कोई मोल नहीं हो सकता। वह अपनी जान देकर देश की रक्षा करता है। सीएम धामी ने कहा हमने शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया है। शहीदों का अंतिम संस्कार सम्मानजनक रूप से हो, इसके लिए 10 हजार रुपये की राशि का भी प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा प्रदेश में शहीदों की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए गुनियाल गांव में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। इस दौरान सीएम धामी ने कहा उत्तरकाशी जिले में चीन सीमा पर स्थित जादुंग गांव जल्द ही सैलानियों से गुलजार होगा। इसे वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय खाली कराया गया था।
बता दें उत्तराखंड राज्य को 25 वर्ष पूरे होने पर राज्य सरकार इस को रजत जयंती के रूप में मना रही है। इसी के चलते देहरानून से लेकर प्रदेश के जनपदों में भी कई तरह के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। हल्द्वानी में भी पूर्व सैनिक सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन हल्द्वानी के एमबीपीजी इंटर कालेज में किया गया। जिसमें सीएम धामी ने शिरकत की।
देवभूमि आध्यात्मिकता की ही नहीं शौर्य, बलिदान की धरती
देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बर्फीले पहाड़ों की चोटियां हों या कश्मीर की घाटियां, हमारे सैनिकों ने अपना लहू बहा कर तिरंगे को लहराने का काम किया है। उन्होंने कहा कि देवभूमि आध्यात्मिकता की ही नहीं, बल्कि शौर्य, बलिदान, पराक्रम और कर्तव्यनिष्ठा की धरती है। यह वही धरती है, जहां हर घर से एक बेटा सरहद में तैनात है। उन्होंने कहा कि सैनिक की शहादत का कोई मोल नहीं होता है, लेकिन हमारी सरकार ने शहादत देने वाले वीर के परिवार की सहायता धनराशि को 10 लाख से बढ़ा कर 50 लाख रुपए कर दिया है। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों के दाह संस्कार के लिए 10 हजार रुपए की सहायता राशि देने का भी ऐलान किया।
सैनिकों को स्टांप में 25 प्रतिशत छूट दे रहा उत्तराखण्ड
देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वीरता पुरस्कार से सम्मानित सैनिकों को मिलने वाली राशि में ऐतिहासिक वृद्धि की है। युद्ध विधवा और युद्ध अपंग सैनिकों को दो लाख रुपए आवासीय सहायता देने का निर्णय लिया है। उत्तराखंड ऐसा प्रदेश है जो सैनिकों को 25 लाख की संपत्ति खरीद पर स्टांप ड्यूटी पर 25 प्रतिशत की छूट दे रहा है। उत्तराखंड सरकार ने शहीद के परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी में समायोजित करने का ही फैसला लिया है। शहीदों के सम्मान में सैन्य धाम बनाया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर भी हमला बोला है।



