जिंदगी में जिंदगी से ज्यादा खूबसूरत कुछ भी नहींः डॉ. अर्शिया
देहरादून। विरासत साधना कार्यक्रम के अंतर्गत जीआरडी आईएमटी देहरादून में आज परिचर्चा पर व्याख्यान किया गया। आज की परिचर्चा में भाग लेते हुए डॉ. अर्शिया सेठी ने कहा कि जिंदगी का हर पल व हर दिन एक बहुत ही कीमती समय है। उन्होंने थोड़ा सा भावुक होकर कहा कि इस जिंदगी में जिंदगी से ज्यादा कुछ भी तो नहीं है। प्री चर्चा में युवाओं के लिए कला क्यों महत्वपूर्ण है? के विषय पर यह परिचर्चा आयोजित की गई। डॉ. अर्शिया सेठी कॉलेज के छात्रों को संबोधित करते हुए कल के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि यदि हम कल को निशुल्क करते हैं, तो लोगों के बीच उसका महत्व निश्चित रूप से कम हो जाएगा, इसीलिए यह आवश्यक है कि जिंदगी के किसी कल को वैल्यू क्रिएशन की दृष्टि व मजबूत उद्देश्य से देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस जिंदगी में जिंदगी से ज्यादा खूबसूरत कुछ भी नहीं है। अगर आप अपने जीवन को एक कला के रूप में देखते हैं तो फिर आप हर उस आर्ट को सम्मान देंगे, जो लोगों द्वारा बनाया जाता है और आप तक पहुंचता है। हम अपने जीवन में जो चीज़ सीखते हैं वह सब एक कला का रूप होता है। चाहे वह डांसिंग हो, एक्टिंग हो, सिंगिंग हो या फिर खाना बनाना ही क्यों न हो? उन्होंने बड़ी संजीदगी के साथ परिचर्चा में भाग लेते हुए कहा कि अगर मनुष्य का जीवन संतुलित है तो उसकी कला भी संपूर्ण होगी।अगर किसी कला को सीखने वाले नहीं है और सिखाने वाले भी नहीं है, तो यह आप समझ लो कि हमारे बीच से कोई एक ऐसी कला हमेशा के लिए खत्म हो गई है जो अब हमें कभी नहीं दिखाई या सुनाई देगा।
परिचर्चा में भाग लेते हुए जीआरडी आईएमटी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉली ओबेरॉय ने विरासत की ओर से आयोजित की जा रही परिचर्चा के लिए विरासत की पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि विरासत द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम हमारे युवाओं के लिए बहुत ही प्रेरणादायक और महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विरासत ने सभी कलाओं तथा कलाकार हस्तियों को संरक्षित करने का जो बीड़ा उठाया हुआ है, वह वास्तव में बहुत ही सराहनीय एवं ऐतिहासिक कदम है। कार्यक्रम में हर आने वाली विख्यात शख्सियत युवाओं के बीच में अपने विरासत फेस्टिवल के माध्यम से कलाओं को दिखाने का काम करते हैं। जहां विभिन्न प्रकार के आर्ट एंड क्राफ्ट एग्जीबिशन के साथ-साथ गीत संगीत,नृत्य का जो प्रदर्शन होता हैं वह बहुत ही आकर्षक व काबिले तारीफ है। इस उद्देश्य के लिए मैं विरासत टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के हर नौजवान एवं युवा पीढ़ी को यह बताना आवश्यक है कि आर्ट कल्चर, क्राफ्ट को संरक्षित करके रखा जाए, क्योंकि यह हमारी धरोहर है प् साथ ही हमें विलुप्त हो रही धरोहर को भी बचना होगा।