युवाओं को विज्ञान और संस्कृति को साथ लेके चलना होगा: राणा
देहरादून: उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) के सहयोग से देहरादून के कुंआवाला स्थित कम्बाइंड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च में यूसर्क कृषि-परिस्थितिकी उद्यमिता विकास केन्द्र स्थापित किया गया है। बुधवार को बसंत पंचमी के अवसर पर उत्तराखण्ड़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष व विश्व विख्यात भौतिक विज्ञानी प्रो. (डॉ.) जे.एम. एस. राणा, यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत, यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ. ओ.पी. नौटियाल एवं सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन ललित जोशी द्वारा संयुक्त रूप से इस केन्द्र का विधिवत शुभारंभ किया गया।
यूसर्क कृषि-परिस्थितिकी उद्यमिता विकास केन्द्र के उद्घाटन के पश्चात कॉलेज में तृतीय खेती बाड़ी दिवस भी मनाया गया। यूसर्क द्वारा 2022 से प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी को खेती-बाड़ी दिवस के रूप में भी मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य युवाओं को खेती-बाड़ी के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ना है।
कार्यक्रम में सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन ललित जोशी ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारे लिए यह सौभाग्य का विषय है कि हमारे संस्थान में यूसर्क द्वारा कृषि-परिस्थितिकी उद्यमिता विकास केन्द्र की स्थापना की गई जिसका लाभ हमारे संस्थान के छात्र-छात्राओं के साथ ही पूरे उत्तराखण्ड़ के विज्ञान के छात्र-छात्राओं को मिलेगा। विभिन्न विषयों में नवाचार करने वाले विद्यार्थियों को इसका सीधा लाभ मिल सकेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवम प्रसिद्ध भौतिक विज्ञान शास्त्री प्रो. (डॉ.) जे.एम. एस. राणा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज बसंत पंचमी के अवसर पर इस केन्द्र को शुरू करने का बेहद सुंदर अवसर है, क्योंकि आज विज्ञान व संस्कृति का तालमेल देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि विज्ञान व संस्कृति के साथ तालमेल बैठाकर हमें अपनी जड़ों की ओर वापस जाना है, यदि हमारी जड़ें मजबूत होंगी तो हमारी संस्कृति भी जीवित रहेगी। प्रोफेसर राणा ने अपने जीवन काल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न देशों में अवस्थित विभिन्न शोध संस्थानों में किए गए कार्यों के आधार पर अपने शोध अनुभव एवं जीवन के अनुभवों को समस्त प्रतिभागियों के साथ साझा किया।
कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत ने बताया कि उत्तराखण्ड़ में यह यूसर्क का 12वां उद्यमिता विकास केन्द्र है, यह केन्द्र एक सफल केन्द्र के रूप में स्थापित होगा। जिस भावना और विचार के साथ हमने यह केन्द्र स्थापित किया है, उसमें आप सबकी भागीदारी के साथ हमारे 12वीं के बाद आने वाले छात्र-छात्राओं सहित स्नातक, स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों की साथ ही ग्रामीण महिलाओं तथा आमजन के लिए भी यह शोध एवम उद्यमिता विकास केंद्र उपयोगी साबित होगा। खेती-बाड़ी दिवस पर उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है, हम सबके अंदर स्पूर्ति का संचार करता है। मां सरस्वती सृजनता की देवी हैं, उनके आते ही सृजनता जन्म लेती है चाहे वह किसी भी रूप में हो। उन्होंने यूसर्क के विभिन्न वैज्ञानिक क्रियाकलापों की विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए यह भी बताया कि यूसर्क के द्वारा बसंतपंचमी की शुभ अवसर पर मनाए जाने वाला यह तृतीय खेती-बाड़ी दिवस प्रदेशभर में यूसर्क से संबंधित विभिन्न संस्थानों में आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ. ओ.पी. नौटियाल ने अपने संबोधन में छात्र छात्राओं को पूर्ण समर्पण भाव से ईमानदारी से अपने लक्ष्य हेतु कार्य करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि यदि हम अपना सम्पूर्ण निष्ठा एवम लगन से कोई कार्य करते है तो उसमे सफलता मिलना अवश्यंभावी है। उन्होंने यूसर्क द्वारा संचालित विभिन्न नवाचारी कार्यक्रमों की चर्चा करने के साथ कहा कि यूसर्क द्वारा CIMS में स्थापित केंद्र को आप लोगों के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर के केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है।
कार्यक्रम में केन्द्र प्रभारी डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने केन्द्र के बारे में जानकारी साझा कि तो वहीं संस्थान की असिस्टेंट प्रो. डॉ. दीपिका विश्वास ने केन्द्र में किए जाने वाले कार्यों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।