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प्रदेश के 22 हजार उपनल कर्मचारियों का सचिवालय कूच

देहरादून। राज्य भर से बड़ी संख्या में उपनल कर्मचारी आज राजधानी देहरादून पहुंचे हैं। उपनल कर्मचारियों ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सचिवालय के लिए कूच किया। पुलिस ने उपनल कर्मियों को सुभाष रोड पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी वहीं सड़क पर ही बैठकर नारेबाजी करने लगे।
अपनी मांगों को लेकर आज प्रदेश भर के उपनल कर्मचारी सड़कों पर उतरकर अपना आक्रोश प्रकट कर रहे हैं। उपनल कर्मी आज सोमवार सवेरे से ही देहरादून के परेड मैदान में एकत्रित हुए। उसके बाद सभी उपनल कर्मचारी का जत्था जुलूस की शक्ल में सर्वे चौक, लैंसडाउन चौक से होते हुए सचिवालय की ओर बढ़ चला। उपनल कर्मियों के जुलूस के चलते पहले से ही मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया।
राज्य निगम कर्मचारी महासंघ और हाइड्रो इलेक्ट्रिकल इंपलाइज यूनियन का भी उपनल कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन मिला है। उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल के अनुसार नैनीताल उच्च न्यायालय ने 2018 में उपनल कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन देने और नियमितीकरण के लिए नियमावली बनाने का फैसला सुनाया था। प्रदेश सरकार ने इस फैसले पर अमल न करके, इसके खिलाफ सर्वाेच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में एसएलपी दाखिल कर दी।
देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट उत्तराखंड सरकार की एसएलपी खारिज कर चुका है। इसके बाद भी राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट के 2018 के फैसले को अमल में नहीं लाया जा रहा है। राज्य सरकार दोबारा से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने की तैयारी में है। इससे राज्य भर के उपनल कर्मचारियों में आक्रोश है।
बता दें कि अपनी मांगों को लेकर राज्य के करीब 22 हजार उपनल कर्मचारी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। मांगें पूरी न होने की सूरत में आज राज्य भर से आए कर्मियों ने सचिवालय कूच करने का फैसला किया। प्रदर्शनकारी उपनल कर्मियों का कहना है कि यदि उनकी मांगों का निस्तारण नहीं किया जाता है, तो सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने को बाध्य हो जाएंगे।

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