फूट-फूटकर रोई बिपिन रावत की बेटियां, ब्रिगेडियर की बेटी ने ताबूत को चूमा तो हर किसी की आंखें हुई नम
तमिलनाडू विमान क्रैश हादसे में बिपिन रावत समेत उनकी पत्नी और 13 अधिकारी शहीद हो गए। जिनमे ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर भी शामिल थे। बीती रात सभी शहीदों का पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया और उनको पीएम मोदी समेत रक्षा मंत्री ने श्रद्धांजिल अर्पित की सीडीएस जनरल बिपिन रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिद्दड़ समेत 12 फौजियों और जनरल रावत की पत्नी मधुलिका के पार्थिव अवशेष जब राजधानी के पालम हवाई अड्डे पर पहुंचे तो हर आंख में आंसू थे।
जनरल रावत की दोनों बेटियां ताबूत में रखे पिता के अवशेषों को एकटक निहारती रहीं।पिता के ताबूत को चूमकर बेटियां फूट फूट कर रोने लगीं। ताबूत को चूमकर दोनों बेटियां खूब रोई। वहां मौजूद हर शख्स ये देखकर भावुक हो गया। हर किसी की आंखें नम थी।
माहौल तब बेहद गमगीन हो गया, जब इसी हादसे में शहीद ब्रिगेडियर एलएस लिद्दड़ की बेटी आश्ना पिता के ताबूत के पास पहुंचीं। वे कुछ पल देखती रहीं और फिर झुककर पिता के ताबूत को चूम लिया। आश्ना 12वीं की छात्रा हैं। यह देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति का दिल भर आया। आश्ना के आंसू सब्र का बांध तोड़कर पूरे समय बहता रहा।
आज दिल्ली में जाबाजों की अंतिम विदाई है। पूरे देश में शोक की लहर है। हर किसी की आंखें नम है। हर कोई बिपिन रावत समेत बहादुरों को श्रद्धांजलि दे रहा है। ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर को उनकी बेटी आश्ना ने मुखाग्नि दी। इस दौरान केंद्रीय मंत्रियों समेत मनोहर लाल खट्टर, और सेना के तीनों प्रमुख मौजूद रहे।
ब्रिगेडियर की बेटी आश्ना ने बेटे का फर्ज निभाया और पिता को मुखाग्नि दी। वहीं जनरल बिपिन रावत को अभी श्रद्धांजलि दी जा रही है। दोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। दोनों बेटियों ने पिता और मां दोनों को खो दिया। दोनों के सिर से पिता और मां दोनों का सााया उठ गया।