आज से पर्यटकों के लिए खुली विश्व धरोहर फूलों की घाटी
चमोली: समुद्रतल से 12995 फीट की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी आज बुधवार से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। फूलों की घाटी हर वर्ष एक जून को खुलती है, तथा 31 अक्टूबर को बंद की जाती है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के प्रभागीय वनाधिकारी नंदाबल्लभ जोशी ने पर्यटकों को घांघरिया से घाटी के लिए रवाना किया। पहले दिन 75 पर्यटकों को घाटी के लिए रवाना किया गया। घाटी में इस समय 12 से अधिक प्रजाति के फूल खिले हुए हैं।
पार्क के उप प्रभागीय वनाधिकारी नंदबल्लभ शर्मा ने बताया कि 87.5 वर्ग किमी में फैली घाटी में पर्यटक रंग-बिरंगे फूलों के अलावा दुर्लभ प्रजाति के पशु-पक्षी, जड़ी-बूटी व वनस्पति, कल-कल बहती पुष्पावती नदी, झर-झर झरते झरने, टिपरा ग्लेशियर और बर्फाच्छादित चोटियों का दीदार कर सकते हैं।
यहां पर प्राकृतिक रूप से 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। फूलों की घाटी जैव विविधिता का खजाना है। वर्ष 1982 में इस घाटी को राष्ट्रीय उद्यान घोषित करने के बाद यूनेस्को ने 2005 में इसे विश्व प्राकृतिक धरोहर का दर्जा दिया। घाटी की खोज वर्ष 1932 में ब्रिटिश पर्वतारोही व वनस्पति शास्त्री फ्रैंकस्मित ने की थी। वर्ष 1937 में फ्रैंकस्मित ने वैली आफ फ्लावर नामक पुस्तक लिखकर अपने अनुभवों को दुनिया के सामने रखा।