उत्तराखंड में बढ़ रहा ब्लैक फंगस का कहर, अब तक 9 मौतें , 100 मरीज संक्रमित
उत्तराखंड में ब्लैक फंगस अब तेजी से पैर पसार रहा है. मरीजों की संख्या सौ के पार पहुंच गई है. वहीं, सरकार ब्लैक फंगस को महामारी भी घोषित कर चुकी है. हालत यह है कि राज्य में अब तक 101 ब्लैक फंगस के मरीज मिल चुके हैं. यही नहीं इस महामारी से अब तक 9 मरीजों की मौत भी हो चुकी है. जबकि 5 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर भी गए हैं एम्स ऋषिकेेश, दून मेडिकल कालेज, मैक्स हास्पिटल, श्री महंत इन्दिरेश हॉस्पिटल, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज, आरोग्य धाम हाॅस्पिटल, हिमालयन हाॅस्पिटल, कृष्णा हाॅस्पिटल, सिटी हार्ट, जेएलएन जिला अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है.
ब्लैक फंगस मामले में देहरादून राज्य में सबसे आगे है. यहां एम्स ऋषिकेश में 64, मैक्स में 7, दून मेडिकल कॉलेज में 3, इंद्रेश हॉस्पिटल में 4, हिमालयन अस्पताल में 17, आरोग्य धाम अस्पताल में 1 मरीज भर्ती हैं. दूसरे नंबर पर नैनीताल जिला है, जहां अब तक 3 मरीज सामने आए हैं. इसमें कृष्णा हॉस्पिटल हल्द्वानी में 1 और डॉक्टर सुशीला तिवारी गवर्नमेंट हॉस्पिटल में 2 मरीज भर्ती हुए हैं. तीसरा जिला उधम सिंह नगर है. जहां पर जेएलएन जिला हॉस्पिटल रुद्रपुर में एक मरीज मिला जिसकी मौत हो चुकी है.
ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज के लक्षण
- मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है.
- मरीज के आंख और कान के पास में दर्द होता है.
- मरीज की नाक से काला कफ जैसा तरल पदार्थ बाहर निकलता है.
- मरीज को खून की उल्टी होती है और इसी के साथ में सिर दर्द और बुखार रहता है.
- मरीजों को सीने में दर्द होता है और इसी के साथ में चेहरे में दर्द और सूजन का एहसास होता है.
- कई मरीजों की आंखें कमजोर हो जाती हैं और उनको धुंधला दिखाई देता है.
- मरीजों को दांतों और जबड़ों में ताकत कम महसूस होने लगती है.
- हालत बिगड़ने पर मरीज बेहोश हो जाता है.