पुलिस अपराध

अधर में लटकी 175 क़ैदियों के रिहाई की फ़ाइल

देहरादून: गणतंत्र दिवस पर सजा माफ होने के बावजूद अभी भी 175 कैदी विभिन्न जेलों में सजा काट रहे हैं। इसका कारण विधानसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता थी। ऐसे में अब शासन ने इन कैदियों के रिहाई के आदेश जारी कर दिया है।

प्रदेश में हर साल स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के अवसर पर कैदियों की रिहाई की जाती है। हालांकि, वर्ष 2021 के गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस पर कैदियों की रिहाई नहीं हो पाई थी। शासन द्वारा बीते वर्ष गणतंत्र दिवस पर राजभवन को प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन राजभवन ने कैदियों की सजा केवल कुछ सीमा तक घटाने के प्रस्ताव को ही मंजूरी दी थी। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी कैदियों की रिहाई की पत्रावली स्वीकृत नहीं हो पाई थी। इसका एक कारण इस अवधि में राज्यपाल के पद पर परिवर्तन होना भी रहा। वर्ष 2022 में शासन ने कैदियों की रिहाई को लेकर गठित समिति की संस्तुति के बाद 175 कैदियों की सूची जनवरी के पहले सप्ताह राजभवन को भेजी।

वहीं राजभवन में इसका विस्तृत अध्ययन करने के बाद 175 कैदियों को रिहा करने की अनुमति दे दी है। इसमें उत्तराखंड के साथ ही अन्य प्रदेशों की जेल में कैद उत्तराखंड की अदालत से सजा पाने वाले कैदी भी शामिल है। राजभवन में अनुमति के बाद इनकी रिहाई करने संबंधी पात्रा वाली शासन में बनी। इससे पहले कि आदेश जारी होते विधानसभा की चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थी। इससे यह मामला अटक गया था। इस पर गृह विभाग ने कैदियों की रिहाई के लिए भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगी। आयोग ने चुनाव के दौरान कैदियों की रिहाई के औचित्य पर सवाल उठा दिए।

गृह विभाग ने इस संबंध में आयोग को जवाब तो भेजा लेकिन वहां से कोई उत्तर नहीं मिला। इस कारण मामला लंबित हो गया। प्रदेश में आचार संहिता समाप्त हो गई है ऐसे में कैदियों की रिहाई से संबंधित पात्रा वाली भी चल निकली है। प्रमुख सचिव गृह आरके सुधांशु ने कहा कि जल्द ही इसका आदेश जारी कर दिया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button