कलयुगी मां: छह महीने के बच्चे की हत्या कर नहर में फेंका शव, मिला आजीवन कारावास
हरिद्वार: कहते हैं माँ आपके जीवन में सबसे प्रमुख व्यक्ति है जो बदले में कुछ भी उम्मीद किए बिना देती रहती है। उसका प्यार निस्वार्थ है, जो आपको जीवन भर कभी किसी और से नहीं मिल सकता। लेकिन एक कलयुगी माँ ने माँ शब्द का अर्थ ही बदल दिया। एक छह माह के दुधमुंहे बच्चे की उसकी ही माँ ने हत्या कर दी थी। वहीं मामले में सुनवाई करते हुए पंचम अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद आर्य ने आरोपी मां को दोषी पाया है। बच्चे की हत्यारी मां को आजीवन कारावास और 21 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता अनुज कुमार सैनी ने बताया कि तीन नवंबर 2019 को कनखल क्षेत्र में एक छह माह दुधमुंहा बच्चा गुम हो गया था। आसपास व रिश्तेदार से पूछने पर भी बच्चे का पता नहीं चला था। सूचना मिलने पर घर पहुंचे पिता ने थाने में बच्चे की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने केस दर्ज कर विवेचना शुरू की।
सीसीटीवी फुटेज में बच्चे की मां की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। उसके बाद पुलिस की सख्ती पर बच्चे की मां ने उसकी हत्या की बात कबूल कर ली थी। पूछताछ करने पर आरोपी महिला ने बताया था कि घटना वाले दिन अपने बच्चे को बैग में रखकर आनंदमयी पुलिया पर जाकर उसको नहर में डुबोकर हत्या कर फेंक दिया था।
पुलिस ने आरोपी महिला संगीता बलूनी निवासी सर्वप्रिय विहार कनखल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में 10 गवाह पेश किए। मामले की सुनवाई करते हुए पंचम अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद आर्य ने आरोपी मां को दोषी पाते आजीवन कारावास व 21 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि नहीं देने पर उसे दो साल के अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए हैं।
आरोपी मां ने दोपहर तीन बजे डेरी में दूध लेने के बाद वापिस आने पर बच्चे का गुम होने का नाटक रचा था। यही नहीं, आरोपी मां ने अपने पति व उसके को केवल पांच मिनट की गैरमौजूदगी में बच्चा गुम होने की बात बताती रही।