अच्छी खबर: 300 मेगावाट लखवार परियोजना को मिली केंद्र से वित्तीय स्वीकृति
उत्तराखंड में धामी सरकार के ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की मेहनत आखिरकार दिल्ली में रंग लाई, जी हां 300 मेगावाट की लखवार बहुउद्देशीय परियोजना को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की व्यय वित्त समिति में पास हो गया. राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण NGT के निर्देशानुसार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पुनरीक्षित पर्यावरण स्वीकृति दिनांक 2 फरवरी 2021 को ही प्राप्त हो गई थी जिसके पश्चात जल शक्ति मंत्रालय कि व्यय वित्त समिति से इस योजना को स्वीकृति प्रदान करने हेतु शेष थी.
जनपद देहरादून एवं टिहरी में यमुना नदी पर स्थित 300 मेगावाट क्षमता की लखवाड़ बहुद्देशीय जल विद्युत परियोजना को सन 1976 में स्वीकृत किया गया था. कार्य प्रारंभ होने के पश्चात सन 1992 में उक्त परियोजना के कार्यों को बंद कर देना पड़ा। उत्तराखंड राज्य के निर्माण के बाद लखवाड़ परियोजना के महत्व को देखते हुए इसको पूर्ण करने हेतु पुनः कार्य प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया. लखवाड़ परियोजना एक बहुद्देशीय परियोजना है जिससे देश एवं प्रदेश को सिंचाई, विद्युत एवं पेयजल उपलब्ध होगा। परियोजना के महत्व को देखते हुए भारत सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया है। परियोजना के जल घटक की 90% लागत भारत सरकार अनुदान के रूप में देगी. परियोजना के जल घटक से उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश लाभान्वित होंगे. उक्त राज्यों के मध्य जल प्रवाह हेतु अगस्त 2018 में अनुबंध हो चुका है. जुलाई 2018 के आधार पर परियोजना की पुनरीक्षित लागत 5747 करोड रुपए है। जल घटक की लागत 4673 करोड़ रुपए है जिसका 90 प्रतिशत व्यय भारत सरकार द्वारा एवं 10 प्रतिशत लाभान्वित होने वाले राज्यों द्वारा वहन किया जाएगा। विद्युत घटक की लागत 1074 करोड़ रुपए है. परियोजना को फरवरी 2021 में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। परियोजना पूर्ण होने के उपरांत 573 मिलियन यूनिट वार्षिक विद्युत उत्पादन किया.
जल शक्ति मंत्रालय की व्यय वित्त समिति द्वारा लखवार बहुउद्देशीय परियोजना के पास हो जाने के बाद ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भेंट कर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया एवं उत्तराखंड की जनता द्वारा आभार प्रकट भी किया.