पिथौरागढ़ में तेंदुए का आतंक, जन सुरक्षा के लिए DM ने लगाया नाइट कर्फ़्यू
पिथौरागढ़ में तेंदुए के बढ़ते आतंक को देखते हुए डीएम डॉ. आशीष चौहान के आदेश के बाद नाइट कर्फ़्यू लगाया गया है. प्रदेश में यह पहली बार हुआ है जब डीएम ने जनसुरक्षा के दृष्टि से कोविड काल के इतर नाइट कर्फ़्यू लगाया हो. डीएम के आदेश अनुसार थाना पपदेव, बजेटी, जीआईसी, चंडाक सड़क और रई क्षेत्र में बीते 21 सितंबर से नाइट कर्फ़्यू लगाया गया है. जिला प्रशासन ने थाना कोतवाली को निर्देश दिए गए हैं कि नाइट कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख़्त कारवाई की जाए.
डीएम डॉ. आशीष चौहान ने नाइट कर्फ्यू का प्रचार प्रसार की ज़िम्मेदारी आपदा प्रबंधन, पुलिस और वन विभाग को दी है. स्थानीय स्तर पर डीएम के इस आदेश की जमकर सराहना हो रही है. डीएम डॉ. आशीष चौहान का कहना है कि जनता की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया गया है.
पिथौरागढ़ में गुलदार के आतंक से कर्फ्यू की घटना के बाद 43 साल पुरानी घटना याद आने लगी. साल 1978 के आसपास पौड़ी में गुलदार ने जमकर पूरे क्षेत्र में दहशत मचाई थी, तत्कालीन डीएम टी जार्ज ने लोगों को शाम के बाद घरों से निकलने से मना कर था. डीएम टी जार्ज ने इसे मौखिक तौर पर लगाया था लिहाज़ा, इसलिए उस वक्त वो अघोषित कर्फ्यू माना जाता है.