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SBS यूनिवर्सिटी में आयोजित हुई राष्ट्रीय कार्यशाला में जुटे दिग्गज, इन बातों पर हुआ मंथन

सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय द्वारा बीते 17 अक्टूबर को “स्टेम सेल बैंकिंग: कल के लिए एक जीवन रेखा” विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में स्टेम सेल संरक्षण के वैज्ञानिक, नैतिक और विनियामक आयामों और चिकित्सा उपचारों में इसके आशाजनक अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

कार्यशाला में उत्तराखंड और दिल्ली के विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और विद्वानों सहित 250 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। हरियाणा के अंबाला में कल्पना चावला राजकीय महिला पॉलिटेक्निक में चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख डॉ. अश्विनी भारद्वाज इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में प्रतिभाग किया। डॉ . भारद्वाज ने स्टेम सेल बैंकिंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी और भविष्य में चिकित्सा उपयोग के लिए स्टेम सेल को इकट्ठा करने, संसाधित करने और संग्रहीत करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। डॉ. भारद्वाज ने रक्त विकारों के उपचार से लेकर व्यक्तिगत चिकित्सा को आगे बढ़ाने तक स्टेम सेल बैंकिंग के व्यापक अनुप्रयोगों पर चर्चा की। उन्होंने स्टेम सेल बैंकिंग और इस क्षेत्र में नियामक निकायों की जिम्मेदारियों से जुड़े कानूनी और नैतिक विचारों पर भी बात की।

अपने वक्तव्य में कुलपति प्रो. (डॉ.) जे. कुमार ने विभिन्न रोगों और स्थितियों के उपचार में स्टेम सेल की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्टेम सेल बैंकिंग को एक दूरदर्शी स्वास्थ्य रणनीति के रूप में वर्णित किया जो जीवन के लिए खतरनाक बीमारियों के समाधान की पेशकश और अंग पुनर्जनन की सुविधा प्रदान करके व्यक्तिगत और वैश्विक स्वास्थ्य सेवा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकती है। डॉ. पूजा नौडियाल ने कार्यक्रम का समन्वय किया और सभी उपस्थित लोगों को उनकी भागीदारी और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। आयोजन टीम में श्रीमती दीपिका जलाल (आयोजन सचिव), डॉ. सुरभि प्रधान, श्री नवीन सिंह, श्री मनोज ढडवाल और श्रीमती प्रीति भट्ट जैसे उल्लेखनीय संकाय सदस्य शामिल थे।

इस कार्यशाला ने उच्च शैक्षणिक मानकों को बनाए रखने और सभी प्रतिभागियों के लिए बौद्धिक रूप से उत्तेजक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए एसबीएसयू की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। इस कार्यशाला ने न केवल ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया, बल्कि समकालीन चिकित्सा विज्ञान में स्टेम सेल बैंकिंग के महत्व को भी मजबूत किया, जिससे पुनर्योजी चिकित्सा और चिकित्सीय अनुप्रयोग में भविष्य की प्रगति का मार्ग प्रशस्त हुआ।

इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. दीपक साहनी, डीन स्टूडेंट वेलफ़ेयर प्रो. मनीष अरोड़ा, स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक प्रो. वीरमा राम और अन्य सम्मानित संकाय सदस्यों सहित प्रतिष्ठित अतिथियों की उपस्थिति से कार्यशाला और समृद्ध हुई।

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