अपनी ही सियासी पिच पर सल्ट में हिट विकेट हुए रणजीत रावत
उत्तराखंड में सल्ट उपचुनाव में मतदान से पहले कांग्रेस की धुरी एक बार फिर से पूर्व सीएम हरीश रावत के इर्द-गिर्द घूमने लगी है. पूर्व हरीश रावत कल ही कोरोना संक्रमण के बाद जिंदगी की जंग जीत कर वापिस स्वस्थ होकर अपने घर लौटे हैं इधर सल्ट उपचुनाव भी दिलचस्प मोड़ पर आता हुआ नजर आ रहा है. सल्ट चुनाव में एक ओर कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली का चुनाव प्रचार अब तेज नजर आ रहा है वही कांग्रेस के वाले दो बार के विधायक और पूर्व सीएम हरीश और सरकार में सबसे शक्तिशाली शख्सियत रंजीत रावत फिलहाल बैकफुट पर नजर आ रहे हैं. रंजीत रावत अपने बेटे विक्रम रावत के लिए सल्ट उपचुनाव में टिकट की दावेदारी कर रहे थे. विक्रम फिलहाल सल्ट से ब्लाक प्रमुख हैं.
इधर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह 17 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव को लेकर पूरी तरीके से समर्पित भाव से सल्ट में डटे हुए हैं. हालाँकि पिछले लम्बे समय से रणजीत रावत ने जब से हरीश रावत से दूरी बनाई अचानक प्रीतम और रंजीत रावत की करीबी बढ़ गई. ऐसे में रणजीत रावत इस पूरे चुनाव प्रचार अभियान में ना तो किसी चुनाव रैली में दिखे और ना ही किसी कार्यक्रम उन्होंने प्रतिभाग किया. इतना जरूर है कि रंजीत रावत का पिछले 2 दिन से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह इंटरव्यू देते हुए कह रहे हैं कि कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली ने हाईकमान से यह बात कही है कि रंजीत रावत का सल्ट में विरोध है… इस वजह से वे सल्ट में चुनाव प्रचार के लिए नहीं जा रहे हैं. हालांकि कांग्रेस के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो कांग्रेस हाईकमान रंजीत रावत को सल्ट से चुनाव लड़ाने का इच्छुक तो था लेकिन रंजीत रावत क्योंकि पिछले चुनाव रामनगर से लड़े हैं तो वह खुद सल्ट से चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे.
इधर विक्रम रावत के सामने गंगा पंचोली एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरी और हाईकमान ने भी उन पर विश्वास जताया क्योंकि पिछले 2017 के मोदी लहर में हुए चुनाव के दौरान गंगा पंचोली महज 2900 वोट से चुनाव हारी थी. इधर हरीश रावत ख़ेमे के माने जाने वाले कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता चुनाव अभियान में जुट गए हैं लिहाजा रंजीत रावत के हारदा से दूरी बनाने के बाद यह पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है. यही कारण है कि हरीश रावत में दिल्ली एम्स में रहते हुए भी गंगा पंचोली के पक्ष में प्रचार कर स्थानीय जनता से कांग्रेस को वोट देने की अपील की थी.