रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री और डी.एस.टी. द्वारा दून विश्वविद्यालय में आयोजित 6 वीं आई-राइज कार्यशाला का सफल समापन
देहरादून: रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री (कैम्ब्रिज, यूनाइटेड किंगडम) और डी.एस.टी. (भारत सरकार) ने उत्तराखंड के स्कूल शिक्षकों के लिए 21 दिसंबर 2023 को दून विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय 3 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया। यह कार्यक्रम आईराइज (इंस्पायरिंग इंडिया इन रिसर्च इनोवेशन ऐन्ड एस. टी. ई. एम. एजुकेशन) के तत्वावधान में एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड और भारतीय विज्ञान और शिक्षा अनुसंधान संस्थान (आई. आई. एस. ई. आर.) के सहयोग से आयोजित किया गया था।
टीचर डिवेलप्मन्ट स्ट्रैन्ड के तहत, आई-राइज और आई.आई.एस.ई.आर. पुणे ने एस.टी.ई.एम. (साइन्स, टेक्नालजी, इंजीनियरिंग, और मैथेमैटिक्स) विषयों के लिए छात्रों के गतिविधि-आधारित शिक्षण के लिए माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए राज्य शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एस.सी.ई.आर.टी.) उत्तराखंड के साथ सहयोग किया है।
सुरेखा डंगवाल (कुलपति, दून विश्वविद्यालय) ने इस तरह के उपयोगी और प्रभावी प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन में दून विश्वविद्यालय के योगदान पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री (कैम्ब्रिज, यूनाइटेड किंगडम), ब्रिटिश काउंसिल और टाटा टेक्नोलॉजीज को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए निरंतर वित्तीय सहायता के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यह कार्यक्रम अत्यंत प्रासंगिक है क्योंकि यह स्कूलों और विश्वविद्यालयों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने वाले पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के भारत सरकार के उद्देश्य का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि दून विश्वविद्यालय वर्ष 2024 में आईराइज के अर्ली करियर रिसर्चर स्ट्रैंड, थॉट लीडरशिप फोरम और सीएक्सओ फोरम के तहत बहुत उपयोगी कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस तरह के कार्यक्रम उद्योग और अकादमिक लीडर्स को एक साथ आने और नवाचार को मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान करेंगे।
वंदना गर्बियाल (निदेशक, अकादमिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण, एससीईआरटी) ने बताया कि कार्यक्रम में शामिल होने के बाद शिक्षकों में उत्साह और उमंग देखकर वह बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण मुख्य रूप से उत्तराखण्ड के सभी जिलों की महिला शिक्षकों को दिया गया। उन्होंने कहा कि पूरा विश्वास है कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षण और अधिगम के क्षेत्र में नए और अद्वितीय आयाम खोलेगा। उनके अनुसार, यदि शिक्षक, शिक्षण के नए, अभिनव और गतिविधि-आधारित तरीकों को अपनाना शुरू कर देते हैं, तो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के प्रति छात्रों के बीच रुचि विकसित करना बहुत आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लगभग 100 शिक्षकों (पहले चरण में प्रशिक्षित) को कक्षा में उनकी गतिविधियों के आधार पर दूसरे चरण के लिए चुना जाएगा।
दूसरे चरण के तहत, चयनित शिक्षकों को भारतीय विज्ञान और शिक्षा अनुसंधान संस्थान, पुणे या दून विश्वविद्यालय में 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त होगा। 10 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षकों को इनोवेशन चैंपियंस के रूप में जाना जाएगा। तीसरे चरण में, सभी इनोवेशन चैंपियन आई-राइज की मदद से अपने-अपने जिलों में कैस्केड कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे।
डॉ. आशा पैन्यूली (संयुक्त निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी.) ने कहा कि एस.सी.ई.आर.टी. दून विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा और शिक्षकों को विश्वविद्यालय के साथ जोड़ने और शिक्षकों के व्यावसायिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए सहयोग करना जारी रखेगा। इंस्पायर अवार्ड के राज्य समन्वयक डॉ. अवनीश उनियाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह कार्यक्रम और कार्यशालाएं शिक्षकों के लिए बेहद फायदेमंद बन रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह कार्यक्रम डी.एस.टी. के प्रमुख कार्यक्रम इंस्पायर और इंस्पायर अवार्ड्स – माणक को भी समृद्ध करता है। डॉ. अरुण कुमार (विभागाध्यक्ष, रसायन विज्ञान विभाग, दून विश्वविद्यालय) ने उत्तराखंड स्कूल के शिक्षकों को यह अवसर देने के लिए प्रोफेसर हरिनाथ चक्रपाणि, अजीत कुमार शर्मा, डॉ. नमिता गुप्ता और आई-राइज का आभार व्यक्त किया।