राजनीति

रुद्रप्रयाग से पूर्व प्रदेश महा मंत्री समेत कई भाजपाइयों ने पार्टी छोड़ी, पढ़ें पूरी खबर

नरेश भट्ट रूद्रप्रयाग | उत्तराखंड   के रुद्रप्रयाग जिले में भाजपा को बड़ा झटका लगा है बीते दिनों रुद्रप्रयाग  भाजपा से पूर्व प्रदेश महामंत्री महिला मोर्चा, अनुशासन समिति के सदस्य और वर्तमान कार्यकारिणी में सदस्य भाजपा के कद्दावर नेता सरला खंडूरी ने पार्टी छोड़ दी है, सरला उत्तराखंड क्रांति दल के साथ जुड़ गई हैं. सरला खंडूरी का कहना है कि कार्यनीति से आगे बढेंगी. रुद्रप्रयाग में अब दावेदारों की लंबी सूची सामने आ रही है.  रुद्रप्रयाग सीट की बात करें तो एक ओर सिटिंग विधायक भरत चौधरी मैदान में है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस से पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी और कांग्रेस से ही युवा और कद्दावर नेता के रूप में उभर रहे अंकुर रौथाण मैदान में है. इसके अलावा अब आम आदमी पार्टी से 1 प्रत्याशी मैदान में रहेगा.  जबकि उत्तराखंड क्रांति दल से सरला खंडूरी दावेदारी कर रहे हैं, ऐसे में रुद्रप्रयाग सीट पर मुकाबला अधिक देखने को मिल सकता है.

इधर देवस्थानम बोर्ड के विरोध में केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। नाराज तीर्थ पुरोहितों ने शीघ्र बोर्ड को भंग ना करने की दिशा में यह सिलसिला बरकरार रखने की चेतावनी दी है। साथ ही देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन जारी रखा। मंदिर परिसर में नारेबाजी के साथ आंदोलनकारियों ने जुलूस निकाला और सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर आगामी एक सितंबर को जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में जुलूस-प्रदर्शन की तैयारियों पर भी चर्चा की गई।

आपको बता दें कि देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित केदारनाथ में दो सालों से आंदोलन कर रहे हैं। इसके साथ ही केदारघाटी के मुख्य बाजारों में भी तीर्थ पुरोहित प्रदर्शन कर चुके हैं, बावजूद इसके सरकार ने इस मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है, जिस कारण तीर्थ पुरोहित समाज में खासा आक्रोश बना हुआ है। अब तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ एक नया रास्ता तैयार किया है। तीर्थ पुरोहित भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को प्रेषित पत्र में केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड बिना तीर्थ पुरोहितों को अवगत कराये बनाया गया है, जिससे उनके हक-हकूकों पर कुठाराघात हुआ है। जहां एक ओर भाजपा की मोदी सरकार हिंदुत्व की बात करती है, वहीं दूसरी ओर सरकार चारों धामों सहित 51 मठ मंदिरों में देवस्थानम बोर्ड लागू करके देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था को चोटिल कर रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button