उत्तराखंड कैडर के सीनियर IPS गणपति को केंद्र में मिली बड़ी ज़िम्मेदारी
उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी और वर्तमान में ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के DG एमए गणपति को केंद्र सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. गणपति को नेशन सिक्योरिटी गार्ड ( NSG) का DG बनाया गया है. इससे पहले वह CISF में स्पेशल DG भी रह चुके हैं. होम मिनस्ट्री की तरफ़ से बीते 16 मार्च को नियुक्ति के आदेश जारी किए गए. सीनियर IPS एमए गणपति अप्रैल 2016 से जुलाई 2017 तक उत्तराखंड के डीजीपी रह चुके हैं. 1986 बैच के आईपीएस एमए गणपति अपनी स्वच्छ छवि और कार्यकुशलता के लिए पूरे देश में विख्यात हैं. यही कारण है कि डीजीपी गणपति को नरेंद्र मोदी की गुड लिस्ट में शामिल हैं. गणपति भष्टाचार के खिलाफ अंधरुनी जंग लडने वाले गिने चुने अफसरशाहों में से एक हैं.
गणपति ने बनाई थी केंन्द्र की नक्सल पॉलिसी
डीजीपी एमए गणपति अपने वर्किंग स्टाइल के लिए विशेष रुप से जाने जाते हैं. यही कारण है कि ज्यादा समय उनकी तैनाती सेंटर में ही रही है। साल 1986 में गणपति की बतौर आईपीएस तैनाती के बाद से वे 13 साल यूपी में अपनी सेवाएं देते रहे. यूपी में कानपुर, इलाहबाद समेत कई बडे शहरों में गणपति बतौर एसएसपी तैनात रहे. इसके बाद गणपति गृह मंत्रालय में रहे जहां उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ काम करते-करते देश के लिए नक्सल पाॅलिसी तैयार की.
CBI में रहा गणपति का दबदबा
उत्तराखंड के पूर्व DGP एमए गणपति अपनी कुल 34 साल की सेवा के दौरान कई एतिहासिक काम कर चुके हैं. वर्तमान में ADG (CISF) गणपति बताते हैं कि आज से 20 साल पहले 2001 में सीबीआई में रहते उन्होंने क्रिकेट मैच फिक्सिंग को भी उजागर किया था. उस समय गणपति की कार्यकुशलता को लेकर काफी सराहना भी की गई थी. उत्तराखंड में बतौर डीजीपी एमए गणपति का करीब डेढ साल के कार्यकाल रहा. इस दौरान उन्होंने बिना किसी विवाद के उत्तराखंड पुलिस का नेतृत्व बखुबी किया. इतना ही नहीं गणपति ने पुलिस विभाग में अंदखाने चल रही गुटबाजी का खत्म करने में भी महत्पूर्ण भूमिका निभाई. गणपति ने पुलिस विभाग में सभी अधिकारियों को गुटबाजी से दूर रहने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए थे. एमए गणपति की खास बात यह रही कि उन्होंने साफ और इमानदार छवि के अधिकारियों को भी आगे बढाने का काम किया.