भारतीय सेना के अभिन्न अंग बने इतने जवान…!
अल्मोड़ा: कुमाऊं रेजिमेंट (केआरसी) मुख्यालय में 34 सप्ताह का कठिन प्रशिक्षण ले 135 नौजवान भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन गए। ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान के बहादुरगढ़ द्वार से कदमताल कर जांबाजों ने देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने की कसम लेकर अंतिम पग भरा। मुख्य अतिथि डिप्टी कमांडेंट कर्नल (वीएसएम) एसके यादव ने सैनिकों में उत्साह भरा। कहा कि किस्मत वालों को फौजी बन देशसेवा का मौका मिलता है। केआरसी की गौरवशाली परंपरा से रूबरू कराया। जांबाजों से सेना के फर्ज को धर्म मान अपने दायित्व और कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर देशसेवा में जुटने का आह्वान भी किया।
देशभर के युवाओं को तराश कर सैन्य प्रशिक्षण दे भारतीय सेना को अब तक लाखों जांबाज दे चुके केआरसी मुख्यालय स्थित सोमनाथ मैदान शनिवार को एक और ऐतिहासिक पल का गवाह बना। केआरसी के निशान की मौजूदगी में आपरेशन रक्षक व पराक्रम में सक्रिय भूमिका निभाने वाले मुख्य अतिथि डिप्टी कमांडर कर्नल यादव ने कसम परेड का निरीक्षण लिया। परेड कमांडर विजय सोराड़ी की अगुआई व चार कंपनी मार्करों के साथ 135 नव सैनिकों ने सलामी दी। इससे पूर्व कमांडर ट्रेनिंग बटालियन कर्नल सुनील कटारिया व टूआइसी ट्रेनिंग बटालियन लेफ्टिनेंट कर्नल शोबीराज ने भी सलामी ली। कंपनी कमांडर प्रशिक्षण बटालियन मेजर आशुतोष ने विशेष भूमिका निभाई। धर्मगुरु सूबेदार मेजर दिनेश चंद्रा ने धर्मग्रंथों को साक्षी मान शपथ दिलाई। बैंडधुन ने भरा रोमांच
देश की राजधानी में गणतंत्र दिवस पर अब तक 27 बार हिस्सा ले मध्यकमान की ओर से सम्मानित केआरसी बैंड ने ‘सारे जहा से अच्छा हिदोस्तां हमारा..’ की धुन से माहौल में रोमाच भरा।
ये रहे चारों कंपनियों के राइट मार्कर
नंबर एक कंपनी के रिक्रूट योगेंद्र सिंह मनराल
नंबर दो कंपनी के रिक्रूट राज सिंह
नंबर तीन के रिक्रूट हिमांशु
नंबर चार कंपनी के रिक्रूट रोहित बिष्ट
ये रहे बेस्ट रिक्रूट्स
बेस्ट इन डीपीटी: अजय बोरा, ब्राबो कंपनी
बेस्ट इन ड्रिल : दिनेश सिंह इको कंपनी
ओवर ऑल बेस्ट : विजय सिंह मेहता
बेस्ट इन रिटन : विजय सोराड़ी चार्ली कंपनी
बेस्ट इन टीएसओइटी : वरुण चौहान
बेस्ट इन फायरिंग : नवनीत चार्ली कंपनी यादगार दिन है। कड़ी ट्रेनिंग दे नवसैनिकों को तराशने वाले इंस्ट्रक्टर्स को बधाई। उन माता पिताओं की भारतीय सेना आभारी है जिन्होंने अपने सपूत फौज को समर्पित किए हैं। भारतीय सेना तपस्या से कम नहीं। केआरसी की पल्टनों ने हर जंग बखूबी जीती है। बलिदान दिए हैं। तीन थल सेनाध्यक्ष भी दिए हैं। सैनिक अपने कर्तव्य को वफादारी व ईमानदारी से निभाएं। साहस के साथ देशसेवा में जुट जाएं।