उत्तराखंड के जमीनी मुद्दों के लिए संघर्ष करेगी टीम तीलू रौतेली
उत्तराखंड की वीरांगना, अदम्य साहस की प्रतीक पहाड़ की वीर बाला तीलू रौतेली जी की जयंती पर टीम तीलू रौतेली अध्यक्ष विपिन घिल्डियाल का चौबट्टाखाल एवं राज्य के लिए संकल्प पत्र जारी किया है. घिल्डियाल का कहना है कि विकास की दौड़ में चौबट्टाखाल क्षेत्र अभी भी बहुत पिछड़ा है एवं हमेशा से सरकारों की अनदेखी , उदासीनता , अकर्मण्यता का शिकार होता रहा है . क्षेत्र को विकास की पटरी पर लाने के लिए सर्वप्रथम भू कानून लागू करने एवं बागवानी पर जोर देने के लिए संकल्प लिया गया. अति पिछड़ा क्षेत्र एवं पर्यटन के बहुत कम अवसर होने के कारण क्षेत्र को OBC की सूची में डालने के लिए प्रयासरत एवं जल्द से जल्द इसे लागू करवाने एवं इसकी उचित जानकारी लोगों तक पहुंचाने पर विचार हुआ . जो गांव अभी तक सड़क से नही जुड़े हैं उनकी सूची एकत्रित कर सशक्त आंदोलन का रास्ता अपनाने का संकल्प लिया गया . स्वास्थ्य सेवाओं की हालत देखते हुए यदि जल्द ही हॉस्पिटल्स में डॉक्टर एवं मशीनों का आना शुरू नही हुआ तो सशक्त आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा .
राज्य के लिए संकल्प
टीम तीलू रौतेली द्भूवारा राज्य के मुद्दों जैसे कानून को जल्द से जल्द लागू करवाया जाए, फ्री स्वास्थ्य ( यदि अस्पताल इलाज नही कर पाते एवं मरीज को आगे रेफर करते हैं तो गाड़ी का खर्चा एवं रहन सहन का खर्चा भी सरकार वहन करे अन्यथा हमें क्षेत्र में ही पूर्ण सुविधाएं दे. चारधाम यात्रा पर हरिद्वार से ऊपर केवल उत्तराखण्ड की ही टैक्सियों / गाड़ियों को जाने की परमिशन हो ताकि क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिल सके . जैसे चारधाम यात्रा में दूसरे प्रदेश के लोग हरिद्वार / देहरादून तक ही गाड़ियां ला सकें उसके आगे उत्तराखण्ड के लोगों की ही गाड़ियां सवारियां ले जाएं. स्थानीय टैक्सियां जो की बच्चे के जन्म से लेकर और बुजुर्ग की.मौत तक हमारा साथ देती हैं , हमारी मुख्य एम्बुलेंस भी वही है वो कोरोना काल से बेरोजगारी की चपेट में है . पर्यटन के नाम पर 200 करोड़ का राहत फंड सरकार द्वारा दिया गया, लेकिन पहाड़ो की असली लाइफ लाइन टैक्सियों की अनदेखी की गई , यदि सरकार जल्द से जल्द स्थानीय ड्राइवरों के लिए राहत पैकेज की घोषणा नही करती तो प्रदेश में जगह – जगह प्रदर्शन एवं आंदोलन किये जायेंगे .