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रूद्रप्रयाग में दो परिवारों को विस्थापन की दरकार, घर से बाहर रहने पर मजबूर

नरेश भट्ट, रुद्रप्रयाग | रूद्रप्रयाग जिले के उखीमठ विकास खण्ड़ के कोरखी व्युंगगाड़ के दो परिवार आज भी वेघर होकर विस्थापन की भीख मांग रहे हैं. इतना ही नहीं पिछले दो माह से एक भाई किसी के मकान पर और दूसरा परिवार स्कूल में रहने को विवश है. रूद्रप्रयाग गौरीकुण्ड़ नेशनल हाई वे 107 पर आलवेदर का निर्माण कार्य चल रहा हैं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि मानकों को दरकिनार करते हुए निर्माण कार्य किया जा रहा है. जो लेाग हाई वे से प्रभावित हो रहे है उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या हाई वे निर्माण के लिए पूर्व मे किसी भी प्रकार का सर्वे नहीं किया गया होगा, लेकिन सब कुछ फाइलों के अन्दर दफन कर दिया गया है. स्थानीय लोगों के मकान छतिग्रस्त हो चुके हैं पानी बिजली, स्कूल मार्ग सब प्रभवित हो गए हैं. यहां तक कि कोरखी गॉव के दो परिवार आज भी राजमार्ग के निर्माण के दौरान पूरे मकान जमीदोज हो गये और परिवार वाले विवष होकर स्कूल और दूसरे के घर में रहने को मजबूर हैं.

इस बाबत मीडिया द्वारा एनएच के ईई को पूछा गया तो उनका कहना था कि हमारे द्धारा उक्त स्थान का सर्वे किया गया है उनको विस्थापन तथा मुआवजे के लिए शासन और जिला प्रशासन को फाइल भेज दी गयी है. फाइले कब तक जायेगी कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन आज भी लेाग इस बरसात के मौसम में स्कूल में रहने के लिए मजबूर है.  इधर इस मामले में पीड़ितों का कहना है कि घर का सारा सामान वहीं छोड़ दिया आज दूसरे के घर में रहने को विवश है. वही इस मामले में जितेन्द्र एनएच के एक्सएन जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी का कहना है कि साइड का निरीक्षण किया गया है, जमीन की कटिंग करने से भूधसाव हुआ हैं जिसके कारण पूरी जमीन के साथ मकान नीचे धस गये राजस्व विभाग तथा जिला प्रषासन को इस बारे में सूचित किया गया है. दो परिवार स्कूल में रह रहे हैं अभी तक उनको सरकार की ओर से कोई मदद नही मिली है.

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