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उत्तराखंड : राज्य कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, सरकार ने किया बड़ा आदेश जारी

देहरादून: अब राज्य कर्मचारियों को सीजीएचएस की दरों पर चिकित्सा सुविधा मिलेगी। कई लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। आयुष्मान भारत/अटल आयुष्मान योजना को उत्तराखंड से पृथक किया गया है। आपको बता दें कि योजना के तहत केवल उन्हीं अस्पतालों को पंजीकृत किया जाएगा जो सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराएंगे। राज्य कर्मचारी परिषद उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे ने कर्मचारियों की इस बहुप्रतिक्षित मांग को पूरी करने पर राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि योजना में व्याप्त तमाम खामियों को सरकार ने दूर कर लिया है। इसको लेकर शासन द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।

आदेश में लिखा गया है कि विषय-प्रदेश के समस्त राजकीय कार्मिकों एवं पेंशनर्स को राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के अन्तर्गत समस्त प्रकार के रोगों की चिकित्सकीय उपचार को प्रभावी बनाये जाने एवं आयुष्मान भारत/अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना की अम्बेला योजना से पृथक किये जाने के सम्बन्ध में।

उपर्युका विषयक अवगत कराना है कि आयुष्मान भारत / अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के संदर्भ में पूर्व में निर्गत शासनादेश संख्या-688/XXVIII-4-2018-04/2008 दिनांक 14.09, 2018, शासनादेश संख्या-870/XXVIll-4-2018-04/2005 दिनांक 06122018 शासनादेश संख्या-214/ XXVIII-3-2020-04/2008TC दिनांक 04.05.2020 तथा शासनादेश संख्या-906/XXVIII-3-2020 04/2008T.C दिनांक 31.12.2020 से राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (State Government Health Scheme) को पृथक करते हुए उत्तराखण्ड राज्य के समस्त राजकीय कार्मिकों एवं पेंशनर्स को समस्त प्रकार के रोगों के उपचार हेतु चन्च स्तरीय चिकित्सा सुविधायें सुलभ कराये जाने हेतु राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (SGHS) का संचालन निम्न प्रतिबन्धों के अमीन लागू किये जाने की राज्यपाल महोदय सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।

1. योजना का नाम कार्मिक/पेंशनर्स हेतु स्वास्थ्य योजना राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (SGHS) के नाम से संचालित होगी।

2. योजना का विवरण राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना का संचालन राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण उत्तराखण्ड द्वारा किया जायेगा। इस हेतु राज्य व्याख्य प्राधिकरण द्वारा Central Government Health Scheme (CGHS) दरों पर राजकीय/निजी चिकित्सालयों को (SGHS) योजना से किया जायेगा। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा उन्हीं चिकित्सालयों को सूचीबद्ध किया।

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