उत्तराखंड: नशा मुक्ति केंद्र पर मिलीं गर्भ निरोधक और शक्तिवर्धक दवाएं सहित कई आपत्तिजनक सामग्री

सितारगंज: उत्तराखंड में लोगों के बीच नशे का चलन लगातार बढ़ रहा है, जिसे छुड़ाने के लिए नशेड़ी के परिजन नशा मुक्ति केंद्रों का सहारा लेते हैं। वही उधम सिंह नगर के सितारगंज से हैरान कर देने वाला सच सामने आया है। सितारगंज में संचालित नशा मुक्ति केंद्र पर राजस्व, औषधि और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। इस दौरान नशा मुक्ति केंद्र में गर्भ निरोधक, शक्तिवर्धक और नशीली दवाइयां मिली हैं। टीम ने केंद्र को सील कर वहां भर्ती मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सुपुर्द कर दिया। इसके अलावा टीम ने अन्य नशा मुक्ति केंद्रों में भी जांच शुरू कर दी है।
सितारगंज के नकुलिया मार्ग पर स्थित चिंतीमजरा में नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र संचालित होता है। गुरुवार को अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. तपन कुमार शर्मा, तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी, पीएमएस डॉ. राजेश आर्य, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक डॉ. सुधीर कुमार पुलिस बल के छापा मारने पहुंचे। केंद्र पर मौजूद स्टॉफ ने बताया कि यहां नशे के आदी लोगों का उपचार किया जाता है। इस दौरान टीम को केंद्र पर कई प्रतिबंधित दवाइयां मिलीं। जिनमें गर्भ निरोधक, प्रतिबंधित दर्दनिवारक इंजेक्शन और यौनवर्द्धक दवाएं बरामद हुईं।
ये दवाएं यहां क्यों रखी गयी थीं, कहां से सप्लाई की जा रही थीं, इन सवालों का जवाब टीम को नहीं मिल सका। संयुक्त टीम ने नशा मुक्ति केंद्र में मिली दवाईयों और दस्तावेजों को जब्त कर लिया है। एसीएमओ तपन कुमार शर्मा ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र को सील कर दिया है। केंद्र में भर्ती तीन मरीजों को एंबुलेंस से सीएचसी में भर्ती कराया है। मरीजों के स्वजनों को इसकी जानकारी दे दी गई है। इसके अलावा अन्य नशा मुक्ति केंद्रों की जांच पड़ताल भी करने की तैयारी है।
आपको बता दें कि सितारगंज के ही नशामुक्ति केन्द्र में बीते दिनों खटीमा के युवक की मौत हो गई थी। चकरपुर निवासी पूर्व सैनिक एवं व्यापारी लक्ष्मी दत्त कापड़ी ने अपने 28 वर्षीय पुत्र सूरज कापड़ी को 15 मई की देर शाम को सितारगंज में स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। बीते शनिवार को दिन में करीब 1.30 बजे उन्हें फोन आया कि उनके पुत्र सूरज को उल्टी आ रही है। स्थानीय अस्पताल में उपचार कराने के बाद उसे पीलीभीत ले जाया जा रहा है। इसके बाद करीब चार बजे एक एंबुलेस में नशा मुक्ति केंद्र के दो युवक उनके घर सूरज का शव लेकर पहुंच गए। जिसके बाद स्वजनों ने केन्द्र पर हत्या का आरोप लगाया था।